Rajbhasha Hindi: Frequently Asked Questions on
- Policy Related Questions
- Implementation Related Questions
- Questions Related to Hindi teaching/Training & Central Hindi Training Institute
- Questions Related to Translation & Central Translation Bureau
- Questions Related to Information Technology in Hindi/Unicode etc.
नीति संबंधी
1. संविधान के कौन से अनुच्छेद के अनुसार हिंदी को संघ की राजभाषा बनाया गया है ?
उत्तर:- अनुच्छेद 343 (1) के अनुसार हिंदी को संघ की राजभाषा और देवनागरी को लिपि बनाया गया है ।
2. राजभाषा नीति से संबंधित संवैधानिक व्यवस्था क्या है ?
उत्तर:- संविधान के अनुच्छेद 120, 210 एवं 343 से 351 राजभाषा नीति की संवैधानिक व्यवस्था से संबंधित हैं।
3. राजभाषा आयोग की स्थापना कब हुई थी ?
उत्तर:- राजभाषा आयोग की स्थापना वर्ष 1955 में हुई थी।
4. राजभाषा अधिनियम कब लागू हुआ ?
उत्तर:- राजभाषा अधिनियम वर्ष 1963 में लागू हुआ ।
5. राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3) के अनुसार कितने और कौन-कौन से दस्तावेजों को द्विभाषी रूप में जारी किया जाना अनिवार्य है?
उत्तर:- राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3) के अनुसार कुल 14 प्रकार के दस्तावेज यथा; सामान्य आदेश, अधिसूचनाएँ, संकल्प, नियम, संसद के समक्ष रखी जाने वाली प्रशासनिक रिपोर्टें, प्रशासनिक व अन्य रिपोर्टें, संविदाएँ, सरकारी कागज़ात, करार, अनुज्ञापन, परमिट, प्रेस विज्ञप्तियाँ, निविदा सूचना व निविदा फॉर्म संबंधी दस्तावेजों को द्विभाषी रूप में जारी किया जाना अनिवार्य है।
6. राजभाषा नियम कब से लागू हुए ?
उत्तर:- राजभाषा नियम वर्ष 1976 से लागू हुए।
7. राजभाषा नियमों की संख्या कितनी है ?
उत्तर:- राजभाषा नियमों की संख्या 12 है ।
कार्यान्वयन संबंधी
प्रश्न: 1. राजभाषा विभाग प्रतिवर्ष वार्षिक कार्यक्रम क्यों जारी करता है ?
उत्तर:- राजभाषा संकल्प, 1968 के अनुपालन में राजभाषा हिंदी के प्रसार और विकास की गति बढ़ाने के लिए राजभाषा विभाग द्वारा प्रतिवर्षवार्षिक कार्यक्रम जारी किया जाता है।
प्रश्न: 2. अंतरराष्ट्रीय संधियों और करारों को किस भाषा में तैयार किया जाना चाहिए ?
उत्तर: अंतरराष्ट्रीय संधियों और करारों को अनिवार्य रूप से हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में तैयार किया जाना चाहिए ।
प्रश्न: 3. नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की प्रति वर्ष कितनी बैठकें आयोजित की जानी चाहिए?
उत्तर: नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की वर्ष में 02 बैठकें (प्रति छमाही एक बैठक) आयोजित की जानी चाहिए ।
प्रश्न: 4. क्या विदेशों में स्थित भारतीय कार्यालयों के लिए भी हिंदी में पत्राचार करना अनिवार्य है?
उत्तर: जी हाँ, विदेशों में स्थित भारतीय कार्यालयों के लिए भी 30 प्रतिशत पत्राचार हिंदी में किया जाना अनिवार्य है ।
प्रश्न: 5. कितने प्रतिशत कार्मिकों को हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान होने पर किसी कार्यालय को अधिसूचित किया जाता है ?
उत्तर- 80 प्रतिशत कार्मिकों को हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान प्राप्त होने पर किसी कार्यालय को अधिसूचित किया जाता है ।
हिंदी शिक्षण/प्रशिक्षण एवं केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान संबंधी
प्रश्न: 1. मेरी मातृभाषा पंजाबी है, मुझे हिंदी लिखनी पढ़नी नहीं आती तो क्या मुझे प्रबोध में प्रवेश दिया जाएगा ?
उत्तर: जी नहीं, मातृभाषा के आधार पर किए गए वर्गीकरण के अनुसार पंजाबी, उर्दू, कश्मीरी और पश्तो आदि भाषा-भाषियों को सीधे प्राज्ञमें दाखिला दिया जाता है।
प्रश्न: 2. मैं असमियां भाषी हूं, मैंने प्रबोध परीक्षा उत्तीर्ण की है तो क्या मुझे प्रोत्साहन योजना का लाभ मिलेगा ?
उत्तर: जी नहीं, असमियां भाषी यदि स्वैच्छिक तौर पर प्रशिक्षण लेता है तो उसे प्रोत्साहन योजना का लाभ प्राप्त नहीं होता ।
प्रश्न: 3. जिन क्षेत्रों में हिंदी शिक्षण योजना की कक्षाएँ नहीं चलाई जातीं वहाँ के कार्मिकों को हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान कैसे प्रदान किया जासकता है ?
उत्तर: जिन क्षेत्रों में हिंदी शिक्षण योजना की कक्षाएँ नहीं चलाई जातीं ऐसे दूर-दराज के स्थानों पर स्थित कार्यालयों के कार्मिकों को केंद्रीयहिंदी प्रशिक्षण संस्थान द्वारा चलाए जा रहे भाषा पत्राचार पाठ्यक्रम, ऑनलाइन प्रशिक्षण अथवा प्राइवेट प्रशिक्षार्थी के रूप में कार्यसाधकज्ञान प्रदान करवाया जा सकता है।
प्रश्न: 4. क्या टंकण प्रशिक्षण हेतु भी पत्राचार पाठ्यक्रम की सुविधा उपलब्ध है?
उत्तर: जी हाँ, टंकण प्रशिक्षण हेतु भी केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान द्वारा पत्राचार पाठ्यक्रम की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है ।
प्रश्न: 5. हिंदी भाषा और हिंदी टंकण पत्राचार पाठ्यक्रमों में आने वाली कठिनाइयों का समाधान किस प्रकार किया जाता है ?
उत्तर: हिंदी भाषा और पत्राचार पाठ्यक्रमों में आने वाली कठिनाइयों के समाधान हेतु देशभर में व्यक्तिगत संपर्क कार्यक्रम आयोजित किएजाते हैं ।
प्रश्न: 6. पत्राचार द्वारा हिंदी भाषा और हिंदी टंकण के प्रशिक्षण की अवधि कितनी है?
उत्तर- पत्राचार द्वारा हिंदी भाषा के प्रशिक्षण की अवधि एक वर्ष है जबकि हिंदी टंकण पत्राचार पाठ्यक्रम की अवधि छह माह है।
प्रश्न: 7. क्या केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान तथा इसके उप संस्थानों में हिंदी भाषा की तरह हिंदी टंकण व आशुलिपि के अल्पकालिकगहन प्रशिक्षण की व्यवस्था है ?
उत्तर: जी हाँ, केंद्रीय हिंदी प्रशिक्षण संस्थान तथा इसके उप संस्थानों में हिंदी भाषा की तरह हिंदी टंकण व आशुलिपि के अल्पकालिक(गहन) प्रशिक्षण की व्यवस्था है।
प्रश्न: 8. हिंदी शिक्षण योजना के भाषा के दीर्घकालिक प्रशिक्षण के वर्ष में कितने सत्र होते हैं?
उत्तर: हिंदी शिक्षण योजना के भाषा के दीर्घकालिक प्रशिक्षण के वर्ष में दो सत्र होते हैं ।
प्रश्न: 9. हिंदी टंकण और हिंदी आशुलिपि के अल्पकालिक गहन प्रशिक्षण कार्यक्रमों की अवधि कितनी है?
उत्तर: अल्पकालिक (गहन) हिंदी टंकण पाठ्यक्रम की अवधि 40 पूर्ण कार्यदिवस है और अल्पकालिक (गहन) हिंदी आशुलिपि के प्रशिक्षणकार्यक्रम की अवधि 80 पूर्ण कार्यदिवस है।
प्रश्न: 10. कार्यालय से दूर जाकर परीक्षा देने पर कार्मिक के यात्रा व्यय का भुगतान किसके द्वारा किया जाता है ?
उत्तर: कार्यालय से दूर जाकर परीक्षा देने पर कार्मिक के यात्रा व्यय का भुगतान उसी के कार्यालय द्वारा किया जाता है ।
प्रश्न: 11. मैं दिल्ली केंद्र से हिंदी प्रबोध प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा हूँ । क्या मैं परीक्षा चेन्नै से दे सकता हूँ?
उत्तर: जी हाँ, परीक्षा स्कंध को परीक्षा से कम से कम एक माह पूर्व सूचित करने और अनुमति प्राप्त होने पर आप चेन्नै केंद्र से परीक्षा देसकते हैं।
केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो के संबंध में आम तौर पर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1 केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो की स्थापना कब हुई और इसके क्या कार्य हैं?
उत्तर
केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो की स्थापना मार्च 1971 को गृह मंत्रालय के अधीन की गई और केंद्र सरकार के मंत्रालयों, विभागों, कार्यालयों, उपक्रमों आदि के असांविधिक प्रक्रिया साहित्य का अनुवाद कार्य केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो को सौंपा गया। अनुवाद में सरलता,सहजता और शब्दावली में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 1973 से अनुवाद प्रशिक्षण का कार्य भी ब्यूरो को सौंपा गया। केंद्र सरकार के स्तर पर अनुवाद और अनुवाद प्रशिक्षण के लिए केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो एकमात्र संस्था है।
प्रश्न 2 केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो का मुख्यालय कहां स्थित है? इसके कितने क्षेत्रीय केंद्र हैं?
उत्तर
केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और इसका पता इस प्रकार है :-
निदेशक,
केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो, 8वां तल,
पर्यावरण भवन, सी.जी. ओ. कॉम्पलैक्स,
लोदी रोड, नई दिल्ली – 110 003
टेलीफैक्स : 011-24362025, 011-24362151, 011-24364203
ब्यूरो के तीन क्षेत्रीय अनुवाद प्रशिक्षण केंद्र हैं जिनका पता इस प्रकार है –
दक्षिणी क्षेत्र-
संयुक्त निदेशक/केंद्र प्रभारी,
अनुवाद प्रशिक्षण केंद्र, केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो,
पांचवा तल, केंद्रीय सदन, डी विंग,
दूसरा ब्लाक, कोरमंगला, बेंगलूर – 560034
दूरभाष : 080-25502162
फैक्स नं. : 080-25531946
पूर्वी क्षेत्र-
संयुक्त निदेशक/केंद्र प्रभारी,
अनुवाद प्रशिक्षण केंद्र, केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो,
67-बी, बालीगंज, सर्कुलर रोड, कोलकाता – 700 019
दूरभाष : 033-22876799
फैक्स : 033-22876044
पश्चिमी क्षेत्र-
संयुक्त निदेशक/केंद्र प्रभारी,
अनुवाद प्रशिक्षण केंद्र, केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो,
केंद्रीय सदन, छठी मंजिल,
सेक्टर 10 ए, सी.बी.डी. बेलापुर,
नवी मुंबई – 400614
दूरभाष : 022-27572726
फैक्स : 022-27566902
प्रश्न 3 केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो किस प्रकार का अनुवाद कार्य करता है?
उत्तर केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, कार्यालयों और केंद्र सरकार के स्वामित्वाधीन तथा नियंत्रणाधीन उपक्रमों, निगमों, स्वायत्त निकायों, संगठनों तथा बैंकोंआदि के असांविधिक प्रक्रिया साहित्य जैसे – कोडों, मैनुअलों, फार्मों, प्रशिक्षण सामग्री आदि का अनुवाद करता है।
प्रश्न 4 क्या ब्यूरो बाहर के अनुवादकों से भी अनुवाद करवाता है? क्या इसके लिए कोई पैनल है? इस योजना में कैसे पंजीकरण करवाया जा सकता है?
उत्तर अनुवाद कार्य के बैकलॉग के शीघ्र निपटान के लिए ब्यूरो में वर्ष 1989 में अनुवाद क्षमता विस्तार योजना शुरू की गई थी। इस योजना के अधीन बाह्य अनुवादकों का परीक्षा/ साक्षात्कार के आधार पर पैनल तैयार किया जाता है और उनसे मानदेय/ पारिश्रमिक के आधार पर अनुवाद करवाया जाता है।
अनुवाद के लिए मानदेय की वर्तमान दरें इस प्रकार हैं –
(क) गैर-तकनीकी सामग्री के लिए 95 रुपए प्रति हजार शब्द; तथा
(ख) तकनीकी सामग्री के लिए 100 रूपए प्रति हजार शब्द।
अनुवाद करने के इच्छुक व्यक्ति मुख्यालय, नई दिल्ली से संपर्क कर सकते हैं। सुविधा के लिए फिलहाल केवल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र या उसके आसपास रहने वाले लोगों को ही यह कार्य दिया जाता है। इस योजना को अनुवाद क्षमता विस्तार योजना के नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 5 ब्यूरो का त्रैमासिक प्रशिक्षण कार्यक्रम (दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम) क्या है?इसमें कौन प्रशिक्षण ले सकता है? यह कब प्रारंभ होता है? इसका क्या शुल्क है?
उत्तर केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो वर्ष 1973 से ही केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों,उपक्रमों एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों में कार्य करने वाले हिंदी अधिकारियों/अनुवादकों तथा हिंदी कार्य से जुड़े सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए तीन-तीन माह के सेवाकालीन त्रैमासिक अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित कर रहा है। इस त्रैमासिक अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में हिंदी अनुवादकों के अतिरिक्त वे कर्मचारी भी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं, जो अनुवाद कार्य या राजभाषा नीति के कार्यान्वयन से जुड़े हों और जिन्हें हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा का स्नातक स्तर का ज्ञान हो। राजभाषा विभाग के दिनांक 5 मई, 1975 के कार्यालय ज्ञापन सं. 11/13017/12/75-रा.भा. (ग) में बताए दिशा निर्देशों के अनुसार यह प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है। इस पाठ्यक्रम के अधीन प्रत्येक केंद्र में प्रतिवर्ष (1) जनवरी से मार्च, (2) अप्रैल से जून, (3) जुलाई से सितंबर और (4) अक्तूबर से दिसंबर तक तीन-तीन माह के चार सत्र आयोजित किए जाते हैं। ब्यूरो में अनुवाद प्रशिक्षण नि:शुल्क दिया जाता है।
प्रश्न 6 21 दिवसीय अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (मध्यमकालिक पाठ्यक्रम) क्या है?यह किन कर्मचारियों के लिए आयोजित किया जाता है?
उत्तर सरकारी उपक्रमों और बैंकों के अनुवादकर्मियों के लिए 21 दिवसीय विशेष अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तैयार किया गया है। 21 कार्य-दिवसीय विशेष अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम का आयोजन अलग-अलग कार्यालयों की मांग पर उन्हीं के कार्यालयों में प्रशिक्षार्थियों की उपलब्धता और उन कार्यालयों की सुविधा के अनुसार किया जाता है। अनुभव से यह पता चला है कि इस प्रकार के अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संबंधित कार्यालय के अधिकारियों/कर्मचारियों को अनुवाद तथा राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन की सटीक जानकारी प्रदान करने में अत्यन्त सहायक एवं उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं। इस विशेष अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में अनुवाद कार्य अथवा राजभाषा नीति के कार्यान्वयन से जुड़े हुए अधिकारी/कर्मचारी भाग ले सकते हैं, बशर्ते कि उन्होंने स्नातक स्तर पर हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाएं पढ़ी हों।
प्रश्न 7: पांच दिवसीय संक्षिप्त (अल्पकालिक) अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम क्या है?इसमें कौन भाग ले सकता है?
उत्तर: केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो देश के विभिन्न कार्यालयों के लिए उनकी मांग पर 5 कार्य दिवसीय संक्षिप्त अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम भी संचालित करता है। इस अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में अनुवाद कार्य अथवा राजभाषा नीति के कार्यान्वयन से जुड़े अधिकारी/कर्मचारी भाग ले सकते हैं। ये कार्यक्रम संबंधित कार्यालयों की मांग पर उनके कार्यालयों में ही आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में अनुवाद प्रशिक्षण ब्यूरो के संकाय सदस्यों द्वारा दिया जाता है।
प्रश्न 8 उच्च स्तरीय अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम किनके लिए आयोजित किया जाता है?
उत्तर : उच्चस्तरीय अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रम हिंदी अधिकारियों, राजभाषा अधिकारियों तथा उनसे ऊपर के अधिकारियों के लिए आयोजित किए जाते हैं। ये पाठ्यक्रम फिलहाल केवल ब्यूरो के दिल्ली केंद्र अर्थात् मुख्यालय में ही संचालित किए जाते हैं।
प्रश्न 9 : पुनश्चर्या अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम किनके लिए आयोजित किया जाता है?
उत्तर : पुनश्चर्या अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उन अनुवादकों के लिए अथवा राजभाषा कार्यान्वयन से जुड़े उन कर्मचारियों के लिए आयोजित किए जाते हैं जिन्होंने ब्यूरो से तीन माह का अनुवाद प्रशिक्षण पहले प्राप्त किया हो।
प्रश्न 10 : केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो के क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्रों के क्या कार्य हैं?
उत्तर: देशभर में फैले केंद्र सरकार के कार्यालयों में कार्यरत हिंदी अधिकारियों/कर्मचारियों को अनुवाद प्रशिक्षण दिलाने की बढ़ती हुई मांग को पूरा करने के लिए मुंबई, बेंगलूर और कोलकाता में क्रमश: जनवरी, 1985; अक्तूबर, 1985 और अक्तूबर, 1987 में अनुवाद प्रशिक्षण केंद्र खोले गए। केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों, उपक्रमों एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों के क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्य करने वाले हिंदी अधिकारियों/अनुवादकों तथा हिंदी कार्य से जुड़े सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए इन केंद्रों में सेवाकालीन त्रैमासिक अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित किए जाते हैं।
प्रश्न 11: केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो से अनुवाद प्रशिक्षण लेने की पात्रता क्या है?
उत्तर: केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, उपक्रमों एवं राष्ट्रीयकृत बैंकों में कार्य करने वाले हिंदी अधिकारी/अनुवादक तथा हिंदी कार्य से जुड़े सभी अधिकारी/कर्मचारी जिन्हें हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा का स्नातक स्तर का ज्ञान हो, प्रशिक्षण के लिए पात्र हैं।
प्रश्न 12: केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो में अनुवाद प्रशिक्षण के दौरान क्या कोई भुगतान किया जाता है?
उत्तर : केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो द्वारा प्रदान किए जाने वाले सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम नि:शुल्क हैं। किंतु आउट-रीच प्रशिक्षण कार्यक्रमों में संबंधित विभागों/कार्यालयों का दायित्व है कि वे प्रशिक्षण के लिए आवश्यक स्थान, बोर्ड तथा मार्कर/लेखन सामग्री उपलब्ध कराएं।
प्रश्न 13 : क्या केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो में छात्रावास की व्यवस्था है?
उत्तर : दिल्ली केंद्र में प्रशिक्षार्थियों की सुविधा के लिए छात्रावास की व्यवस्था है। छात्रावास का पता है –
केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो छात्रावास,
क्वार्टर सं. – 876 से 890,
सेक्टर-7, पुष्प विहार,
नई दिल्ली – 110 017
दूरभाष : 011-29562873
प्रश्न 14 : क्या केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो में अनुवाद प्रशिक्षण के दौरान कोई पुरस्कार दिया जाता है?
उत्तर : केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो के त्रैमासिक (दीर्घकालिक) प्रशिक्षण कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रथम तीन प्रशिक्षार्थियों को ‘स्वर्ण पदक’, ‘रजत पदक’ तथा ‘कांस्य पदक’दिए जाते हैं।
प्रश्न 15: केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो में अनुवाद प्रशिक्षण किन लोगों द्वारा दिया जाता है?
उत्तर: केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो में प्रशिक्षण की स्थायी फैकल्टी के रूप में केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो के सहायक निदेशक कार्य करते हैं। इसके अतिरिक्त संयुक्त निदेशक तथा उप निदेशक स्तर के अधिकारी भी समय-समय पर विशिष्ट व्याख्यान देते हैं। केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विभिन्न कार्यालयों में सेवारत और सेवानिवृत्त ऐसे अधिकारियों को भी व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित करता है, जो संबद्ध विषयों के विशेषज्ञ होते हैं। इसके अतिरिक्त दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया विश्वविद्यालय, केंद्रीय हिंदी संस्थान आदि से संबद्ध विद्वानों को भी समय-समय पर ब्यूरो के मुख्यालय में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इसी प्रकार क्षेत्रीय अनुवाद प्रशिक्षण केन्द्रों में भी विभिन्न कार्यालयों में सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों और विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े विद्वानों को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
प्रश्न 16: क्या केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो में आयोजित किए जाने वाले अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रमों में हिंदी अनुवादकों के अतिरिक्त अन्य सरकारी कर्मचारी भी भाग ले सकते हैं?
उत्तर : ब्यूरो द्वारा संचालित त्रैमासिक (दीर्घकालिक) अनुवाद प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में हिंदी अनुवादकों के अतिरिक्त वे कर्मचारी भी प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं जो अनुवाद कार्य या राजभाषा नीति के कार्यान्वयन से जुड़े हों और जिन्होंने स्नातक स्तर पर हिंदी तथा अंग्रेजी भाषा एक विषय के रूप में पढ़ी हो।
प्रश्न 17 : क्या अनुवाद ब्यूरो के त्रैमासिक (दीर्घकालिक) अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रमों में परीक्षा का कोई प्रावधान है?
उत्तर: (i) ब्यूरो के त्रैमासिक (दीर्घकालिक) प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रति मास परीक्षा ली जाती है और सत्र के अंत में अर्थात तीसरे महीने में अंतिम परीक्षा ली जाती है। जिसके आधार पर ‘उत्कृष्ट’, ‘बहुत अच्छा’ और ‘अच्छा’ ग्रेड दिए जाते हैं और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रशिक्षार्थियों को ‘स्वर्ण पदक’, ‘रजत पदक’ तथा ‘कांस्य पदक’ दिए जाते हैं।
(ii) ब्यूरो द्वारा आयोजित किए जाने वाले 21 दिवसीय (मध्यमकालिक) अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी परीक्षा ली जाती है और उत्कृष्ट’, ‘बहुत अच्छा’ और ‘अच्छा’ग्रेड दिए जाते हैं। किंतु इस परीक्षा में पदक देने का कोई प्रावधान नहीं है |
प्रश्न 18: क्या ब्यूरो द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रशिक्षार्थियों से फीडबैक लिया जाता है?
उत्तर : हां, ब्यूरो द्वारा आयोजित किए जाने वाले सभी अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रमों के समापन पर सभी प्रशिक्षार्थियों से फीडबैक लिया जाता है।
हिंदी में सूचना प्रौद्योगिकी तथा यूनिकोड का प्रयोग
1. यूनिकोड क्या है ?
युनिकोड को व्यापक रूप से विश्वव्यापी सूचना आदान-प्रदान के मानक के रूप में स्वीकार किया जा रहा है क्योंकि बड़ी आई टी कंपनियों ने इसके लिए अपने समर्थन की घोषणा की है। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार युनिकोड कैंसोरटियम का पूर्ण-सदस्य है, जिसे वोट देने का भी अधिकार है।
16 बिट (2 बाइट) युनिकोड – युनिकोड मानक सार्विक करैक्टर इनकोडिंग मानक है जिसका प्रयोग कंप्यूटर प्रोसेसिंग के लिए टेक्स्ट के निरूपण (representation) के लिए किया जाता है। युनिकोड मानक में विश्व की लेखनीबद्ध भाषाओं के लिए सब करैक्टरों के इनकोड करने की क्षमता है। युनिकोड मानक करैक्टर के बारे में सूचना और उनका उपयोग बताते हैं। कंप्यूटर उपयोक्ताओं के लिए जो बहुभाषी टेक्स्ट पर काम करते है, व्यापारियों, भाषाविदों, अनुसन्धानकर्त्ताओं, वैज्ञानिकों, गणितज्ञों और तकनीशियिनों के लिए युनिकोड मानक बहुत लाभप्रद है। युनिकोड 16-बिट इनकोडिंग का प्रयोग करता है जो 65000 करैक्टरों से भी ज़्यादा (65536) के लिए कोड-प्वाइंट उपलब्ध कराता है। युनिकोड स्टैंडर्ड प्रत्येक करैक्टर को एक विलक्षण संख्यात्मक मान और नाम देते है। यह अंतर्राष्ट्रीय मानक है । इससे हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं में कंप्यूटर पर अंग्रेजी की तरह ही सरलता से 100% कार्य किया जा सकता है ।
2. यूनिकोड के प्रयोग से क्या लाभ हैं ?
- एकरूपता
- कार्यालय के सभी कार्य कंप्यूटर पर हिंदी में आसानी से होते हैं जैसे – वर्ड प्रोसेसिंग, डाटा प्रोसेसिंग, ई-मेल, वैबसाइट निर्माण आदि ।
- हिंदी में बनी फाइलों का आसानी से आदान-प्रदान कर सकते हैं ।
- हिंदी की-वर्ड पर गूगल या किसी अन्य सर्च इंजन में सर्च कर सकते हैं ।
3. कंप्यूटरों पर हिंदी में कार्य करने के लिए कौन-कोन से की-बोर्ड ले-आउट विकल्प हैं ?
- (क) इनसक्रिप्ट (standardized by DOE in 1986)
- (ख) रेमिंग्टन
- (ग) फोनेटिक >> विजुअल फोनेटिक ले-आउट
4. इनसक्रिप्ट की-बोर्ड ले-आउट सीखने के लिए क्या कोई ट्यूटर उपलब्ध है ?
INSCRIPT टाइपिंग सीखने के लिए – www.ildc.in साइट से हिन्दी एवं अंग्रेजी के लिए आसान टंकण प्रशिक्षक डाउनलोड करके एक घंटा प्रतिदिन 8-10 दिनों में INSCRIPT टाइपिंग सीखी जा सकती है ।
5. यूनिकोड को सक्रिय कैसे किया जा सकता है ?
यूनिकोड enable करने की प्रक्रिया आप राजभाषा विभाग की साइट http://rajbhasha.nic.in से ई-उपकरण पर क्लिक करके ले सकते हैं ?
6. क्या किसी भी हिंदी फ़ॉन्ट की सामग्री को शतप्रतिशत शुद्धता के साथ यूनिकोड में बदला जा सकता है?
हां, सूचना प्रोद्योगिकी विभाग की वेबसाइट http://ildc.in साइट से सार्वत्रिक हिन्दी फॉन्ट कोड एवं भंडारण कोड परिवर्तक फोंट कनवर्टर के माध्यम से नॉन यूनिकोड फोंट की सामग्री को यूनिकोड में बदला जा सकता है । यह सॉफ्टवेयर निशुल्क है ।
7. क्या एक्सेल फ़ाइल का फ़ॉन्ट परिवर्तित किया जा सकता है?
हां, सूचना प्रोद्योगिकी विभाग की वेबसाइट http://ildc.in साइट से सार्वत्रिक हिन्दी फॉन्ट कोड एवं भंडारण कोड परिवर्तक फोंट कनवर्टर के माध्यम से नॉन यूनिकोड फोंट की सामग्री को यूनिकोड में बदला जा सकता है । यह सॉफ्टवेयर निशुल्क है ।
COMMENTS
राजभाषा अधिनियम के अनुसार भारत देश को कितने भागों में बांटा गया, नाम सहित बताइए |
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