GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF PERSONNEL,PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO-2104
ANSWERED ON-30.08.2012
Pending grievances and pension cases
2104 . SHRI PRAVEEN RASHTRAPAL
(a) the details of pending Public Grievances and Pensions delay cases (Income tax, customs, central excise, police SRP, BSF, health etc.), Department-wise;
(b) the reasons for which pension is not paid as per rule within two months of retirement; and
(c) the reasons for which family pensions matter are not given adequate attention?
ANSWER
Minister of State in the Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions and Minister of State in the Prime Minister’s Office. (SHRI V. NARAYANASAMY)
(a): The pending Public Grievances as per Central Public Grievances Redressal Monitoring System (CPGRAMS) is 83,999 and Pension delay cases as per Centralized Pension Grievances Redressal Monitoring System (CPENGRAMS) is 7756 in respect of various Ministries/Departments of Government of India as on 28.08.2012 which include the number of the Grievances relating to the following Departments:-
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Public Griv.
|
Pension
delay Griv. |
i) Income Tax(CBDT)
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4614
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123
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ii)Excise & Customs(CBEC)
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529
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120
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iii)Min. of Home Affairs (including Police, SRP, BSF etc.)
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4158
|
351
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iv) Health & Family Welfare
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2161
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102
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(b) & (c): As per Rule 58 and 59 of CCS (Pension) Rules, 1972, time schedule has been fixed for preparation of Pension Papers and stages for completion of pension cases by various authorities. Though various stages of action laid down in Rule 59 is strictly followed, in isolated cases where it is not possible for the Head of Office to forward pension papers to the Accounts Officers within the prescribed period, there is provision under Rule 64 ibid for determination and payment of provisional pension from the date the payment becomes due after retirement.
Further family pension matters are also given adequate attention. Every effort is made to attend to family pension cases as expeditiously as possible on the basis of details/documents submitted by them. Despite the above provision, any delay brought to the notice of Department of Pension and Pensioners Welfare is treated as grievance and is taken up with the concerned authority for Redressal. The pending grievances are also reviewed periodically.
Further, the Reserve Bank has also advised all Agency Banks to ensure that any delay in disbursement of pension should be compensated @ Bank Rate plus 2% penal interest for the delayed period and the same is credited to the pension account on the same day when the Bank affords the delayed credit without getting any claim from the pensioner.
भारत सरकार कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)
* * *
राज्य सभा
अतारांकित प्रश्नि संख्या :2104
(दिनांक 30.08.2012 को उत्तर के लिए)
लंबित शिकायत और पेंशन मामले
2104. श्री प्रवीण राष्ट्रपाल :
क्या प्रधान मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :
(क) लंबित लोक शिकायतों और पेंशन मामलों (आयकर, सीमा शुल्क, केन्द्रीय उत्पाद शुल्क, पुलिस, एसआरपी, सीमा सुरक्षा बल, स्वास्थ्य इत्यादि) का विभाग-वार ब्यौरा क्या है;
(ख) नियमानुसार सेवानिवृत्ति के दो महीनों के भीतर पेंशन का भुगतान न किए जाने के क्या-क्या कारण हैं; और
(ग) पारिवारिक पेंशन मामलों पर पर्याप्त ध्यान न दिए जाने के क्या कारण हैं ?
उत्तर
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री (श्री वे. नारायणसामी)
(क) : दिनांक 28.08.12 तक की स्थिति के अनुसार भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों के संबंध में केन्द्रीय लोक शिकायत निवारण मॉनीटरिंग प्रणाली के अनुसार लम्बित लोक शिकायतों की संख्या 83,999 है और केन्द्रीकृत पेंशन शिकायत निवारण मॉनीटरिंग प्रणाली के अनुसार पेंशन में देरी के मामलों की संख्या 7756 है । इनमें निम्नलिखित विभागों से संबंधित शिकायतों की संख्या शामिल है :-
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लोक शिकायतें
|
पेंशन में देरी
की शिकायतें |
i) आयकर (सीबीडीटी)
|
4614
|
123
|
ii) उत्पाद शुल्क एवं
सीमा शुल्क (सीबीईसी) |
529
|
120
|
iii) गृह मंत्रालय (पुलिस,
एसआरपी, बीएसएफ आदि सहित) |
4158
|
351
|
iv) स्वास्थ्य और परिवार
कल्याण |
2161
|
102
|
(ख) एवं (ग) : केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 1972 के नियम 58 और 59 के अनुसार, विभिन्न प्राधिकरणों द्वारा पेंशन संबंधी कागजात तैयार करने तथा पेंशन मामलों को निपटाने संबंधी स्तरों की समय-सारणी नियत कर दी गई है । यद्यपि नियम 59 में निर्धारित कार्रवाई के विभिन्न स्तरों का सख्ती से पालन किया जाता है पर जिन एकाकी मामलों में कार्यालय अध्यक्ष के लिए निर्धारित अवधि के भीतर लेखा-अधिकारियों को पेंशन संबंधी कागजात अग्रेषित करना सम्भव नहीं होता है, उन मामलों में भुगतान देय होने की तारीख से अस्थायी पेंशन का निर्धारण और भुगतान का प्रावधान पूर्व संदर्भित नियमावली के नियम 64 में है ।
इसके अतिरिक्त, कुटुम्ब पेंशन संबंधी मामलों पर भी पर्याप्त ध्यान दिया जाता है । पेंशनभोगियों द्वारा प्रस्तुत किए गए ब्यौरों/दस्तावेजों के आधार पर शीघ्रातिशीघ्र कुटुम्ब पेंशन संबंधी मामलों को निपटाने का हर सम्भव प्रयास किया जाता है । उपर्युक्त प्रावधान के अलावा, पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग के ध्यान में लाई गई किसी भी प्रकार की देरी को शिकायत समझा जाता है और उसके निवारण के लिए संबंधित प्राधिकारी के साथ मामला उठाया जाता है । लम्बित शिकायतों की पुनरीक्षा आवधिक रूप से भी की जाती है ।
इसके अतिरिक्त, रिजर्व बैंक ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी अभिकरण बैंकों को भी सलाह दी है कि पेंशन के भुगतान में किसी भी प्रकार के विलम्ब की प्रतिपूर्ति, बैंक दर से तथा विलम्बित अवधि के लिए 2% की दर से दांडिक ब्या ज के रूप में की जानी चाहिए और पेंशनभोगी द्वारा किसी प्रकार का दावा किए जाने से पूर्व ही बैंक द्वारा उसे उसी दिन पेंशन खाते में जमा कर देना चाहिए जिस दिन बैंक विलम्ब के लिए जमा की जाने वाली राशि खाते में चढ़ाता है ।
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