Homenew pension scheme

ओनली ओ.पी.एस.: एनपीएस में बदलाव नहीं पुरानी पेंशन चाहिए – कर्मचारियों का विरोध जारी

ओनली ओ.पी.एस.: एनपीएस में बदलाव नहीं पुरानी पेंशन चाहिए – कर्मचारियों का विरोध जारी

protest-against-nps

Staffnews के फेसबुक पोस्‍ट पर कर्मचारियों ने सरकार के बदलाव की योजना को एक सुर में अस्‍वीकार कर द‍िया है।  पोस्‍ट के कुछ कमेंट

  • बदलाव नहीं OPS चाहिए
  • Bjp ne hi OPS ko khatam kiya tha….. OPS fir se laghu karne ka responsibility bhi BJP KA hai
  • Old pension lagu karni chahiye
  • एन पी एस वापस केवल पुरानी पेंशन नियमावली लागू हो।
  • No need to change in NPS we want that gov must withdraw NPS & implement OPS again…
  • Hame NPS ki jarurat hi nahi to contribution badake Kya fayda….Scrap NPS
  • hume sirf old pension or pf benefits hi chahiye
  • MP apne liye NPS lagu Kar le hame ops dede

केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार का तोहफा कबूल नहीं | NPS में सरकारी योगदान मूल वेतन का 14 प्रतिशत बढ़ोतरी नहीं पुरानी पेंशन चाहिए.

नरेंद्र मोदी सरकार का केंद्रीय कर्मचारियों के लिये नववर्ष का तोहफा कबूल नहीं है. NPS में सरकारी योगदान मूल वेतन का 14 प्रतिशत बढ़ोतरी नहीं पुरानी पेंशन चाहिए. सरकारी कर्मचारी संगठनो का राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के विरुद्ध आंदोलन तेज करने की धमकी.

एकबार फिर सरकारी कर्मचारियों की एकता सिर चढ़ के बोल रहा है. केंद्रीय कर्मचारियों को मोदी सरकार का तोहफा कबूल नहीं हैं. विभिन्न सरकारी कर्मचारी संगठनो ने इस आंदोलन को और तेज करने की धमकी दी है. उनका कहना है की राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में सरकार का योगदान बढ़ाकर मूल वेतन का 14 प्रतिशत कर नरेंद्र मोदी सरकार सरकारी कर्मचारियों को धोखा देना चाहती है.

गैरतलब है कि, नरेंद्र मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिये गुरुवार को नववर्ष तोहफा का एलान किया है. मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) में सरकार का योगदान बढ़ाकर मूल वेतन का 14 प्रतिशत कर दिया. जो फिलहाल 10 प्रतिशत है. हालांकि कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत ही बना रहेगा. मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारियों के 10 प्रतिशत तक योगदान के लिए आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत कर प्रोत्साहन को भी मंजूरी दी. फिलहाल सरकार और कर्मचारियों का योगदान एनपीएस में 10-10 प्रतिशत तक है.


इधर, विभिन्न सरकारी कर्मचारी संगठनो का स्पष्ट मानना है की सरकार का यह एलान केवल छलावा है, देश में मई-जून २०१९ में होने वाली लोकसभा चुनाव में भोट पाने का केवल एक हथकंडा है.

इन कर्मचारी संगठनो का दावा है कि सरकर जबतक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को समाप्त कर पूरी तरह से पुरानी पेंशन योजना लागु नहीं करती तबतक वे अपनी मांग पर कायम रहेंगे. इनका कहना है की 26 नवंबर का असर दिखना शुरू हुआ है, कर्मचारी एकता यदि बनी रही तो वह दिन दूर नहीं जब यही सरकार बोलेगी की ओल्ड पेंशन लागू.

वहीँ, सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम योगदान 10 प्रतिशत पर बना रहेगा जबकि सरकार का NPS में सरकारी योगदान मूल वेतन का 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकारी कर्मचारियों को कुल कोष में से 60 प्रतिशत अंतरित करने को मंजूरी दी गई जो फिलहाल 40 प्रतिशत है. सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों के पास निश्चित आय उत्पादों या शेयर इक्विटी में निवेश का विकल्प होगा.

मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार यदि कर्मचारी सेवानिवृत्ति के समय एनपीएस में जमा धन का कोई भी हिस्सा निकालने का निर्णय नहीं करता है और 100 प्रतिशत पेंशन योजना में हस्तांतरित करता है तो उसका पेंशन अंतिम बार प्राप्त वेतन का 50 प्रतिशत से अधिक होगा. सूत्रों ने कहा कि सरकार को अभी नई योजना की अधिसूचना की तारीख के बारे में निर्णय करना है.

श्रोत- Paramnews

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