7th Pay Commission मोदी सरकार की सत्ता वापसी में आएंगे केंद्रीय कर्मचारियों के अच्छे दिन? जानिए
7th Pay Commission: फिर बनी नरेंद्र मोदी सरकार तो इन कर्मचारियों का होगा ‘बेड़ा पार’? जानना चाहेंगे कैसे
7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today 2019: बताया जाता है कि अगर यह फॉर्मुला लागू कर दिया गया तब केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। जस्टिस एके माथुर ने यह साफ किया था कि सरकार प्राइस इंडेक्स में उपलब्ध डेटा के आधार पर कर्मचारियों की तनख्वाह की समीक्षा करे।
Loksabha Elections 2019 से पहले कहा जा रहा था कि मोदी सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को खुशखबरी दे सकती है, पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today 2019: सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत केंद्रीय कर्मचारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार से उनके कार्यकाल के दौरान न्यूनतम वेतन समेत कई मांगों को लेकर आवाज उठाते रहे। पर उनके हाथ निराशा ही लगी। कयास लगाए जा रहे थे चुनाव के परिणामों से पहले सरकार की तरफ से उन्हें बड़ी खुशखबरी दी जाएगी मगर ऐसा नहीं हुआ। इसी बीच, आम चुनाव के बाद चुनावी एग्जिट पोल्स आए, जिनमें अधिकतर में मोदी सरकार की सत्ता वापसी के संकेत दिए गए। ऐसे में इस बार अगर एनडीए की सरकार बनती है, तब केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इसके क्या मायने हैं और उन्हें क्या मिलेगा? क्या न्यूनतम वेतन 18 हजार से 26000 किए जाने की उनकी मांग पूरी की जाएगी?
सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया, “न्यूनतम वेतन नहीं बढ़ाया जाएगा, क्योंकि सरकार संसद में पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि मौजूदा वेतन आयोग का कार्यकाल खत्म हो चुका है।” वहीं, बीजेपी पर अक्सर आरोप लगता रहा है कि उसने केंद्रीय कर्मचारियों की मांगों पर अधिक ध्यान ही नहीं दिया। इससे पहले, 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय आयोग से जुड़ा पे पैनल लागू करने की कोशिश हुई, पर सरकार तब विफल रही थी। एक साल बाद फिर यानी कि 2004 में भी कुछ वैसे ही प्रयास किए गए, मगर तब भी यह लागू न हो सका था। मांगें पूरी न होने पर केंद्रीय कर्मचारियों की नाराजगी तब और बढ़ गई थी।
यहां तक कि कई बार मांगों को लेकर आवाज बुलंद करने और विरोध प्रदर्शन के बाद भी हालात जस के तस रहे। हालांकि, सरकार कई मौकों पर ऐक्रॉयड फॉर्मुले (Aykroyd Formula) की बात करती दिखी। बताया जाता है कि अगर यह लागू कर दिया गया तब केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी। जस्टिस एके माथुर ने यह साफ किया था कि सरकार प्राइस इंडेक्स में उपलब्ध डेटा के आधार पर कर्मचारियों की तनख्वाह की समीक्षा करे। आयोग ने इसके अलावा सिफारिश की थी कि 10 साल के लंबे इंतजार पर समीक्षा करने के बजाय पे मैट्रिक्स की समय-समय पर समीक्षा की जानी चाहिए। केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन की समीक्षा भी ऐक्रॉयड फॉर्मुले के आधार पर करने की बात कही गई थी।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के शिमला में लेबर ब्यूरो ही समय-दर-समय पर सामान और चीजों के बदलते दामों की समीक्षा करता है। यानी केंद्रीय कर्मचारियों को वेतन आयोग के बनने के लिए 10 साल का लंबा इंतजार नहीं करना होगा, जो उनकी तनख्वाह और पेंशन की समीक्षा करेगा। सिफारिश के मुताबिक, वेतन बढ़ोतरी और अन्य संशोधन की प्रक्रिया भी हर साल होगी। हालांकि, सरकार का फैसला किधर और क्या होगा? यह तो स्पष्ट नहीं है, लेकिन अगर सरकार ऐसा करेगी, तब सीधे तौर पर केंद्रीय कर्मचारियों को आने वाले समय में अच्छी खबर जरूर मिलेगी।
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