4200 ग्रेड पे से 4600 ग्रेड पे में पदोन्नति/एम.ए.सी.पी. पर वेतन निर्धारण के तौर तरीके पर वित्त मंत्रालय द्वारा स्पष्टीकरण Pay-fixation method for regular promotion and MACP from 4200 Grade Pay to 4600 Pay: Clarification by Finance Ministry in Hindi
भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
व्यय विभाग
लोक सभा
लिखित प्रश्न संख्या – 1227
सोमवार, 70 फरवरी, 2020/27 माघ, 19471 (शक)
वेतन निर्धारण प्रक्रिया
1227. श्री कौशल किशोर:
क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) क्या छठे केन्द्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) के बाद विभागों में केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के लिए नियमित पदोन्नति हेतु वेतन निर्धारण प्रक्रिया और 4200 ग्रेड वेतन से 4600 वेतन ग्रेड में एमएसीपी विभागों में एक ही प्रकार से किया जाता है और यदि नहीं, तो इस पर मंत्रालय की क्या टिप्पणी है;
(ख) केन्द्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के नियम 11 का ब्यौरा क्या है;
(ग) क्या माननीय उच्चतम न्यायालय ने दिनांक 14.3.2019 के अपने निर्णय में भारत संघ और अन्य
के मामले में अपील संख्या 3052/2019 में केन्द्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2008 के
नियम 11 के अंतर्गत एमएसीपी मामले में 4200 ग्रेड वेतन से 4600 ग्रेड वेतन में वेतन निर्धारण को
न्यूनतम 18460 रुपये करने का निर्णय दिया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इस पर
सरकार की क्या प्रतिक्रिया है;
(घ) क्या एक समान/एक तरह के मामलों वाले कर्मचारी अपने वेतन निर्धारण के लिए आवेदन करने हेतु उक्त आदेश का उपयोग कर सकते हैं।पर भरोसा कर सकते हैं या उन्हें उसी बड़ी और अनावश्यक लंबी मुकदमेबाजी प्रक्रिया से गुज़रना पड़ेगा और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और
(ड) क्या एक समान/एक तरह के मामलों वाले कर्मचारियों के लिए वेतन निर्धारण हेतु एक सामान्य
आदेश आवश्यक है या उपर्युक्त आदेश की एक प्रति पर्याप्त है और यदि नहीं, तो इस संबंध में संबंधित विभागों के मार्गदर्शन हेतु मंत्रालय द्वारा सामान्य आदेश कब तक लाए जाएंगे?
उत्तर
वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री अनुराग सिंह ठाकुर)
(क): केन्द्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियमावली, 2008 [सीसीएस (आरपी) नियमावली 2008] के नियम 13 के अनुसार एक ग्रेड वेतन से दूसरे ग्रेड वेतन में पदोन्नति के मामले में वेतन का निर्धारण वेतन बैंड में वेतन के योग के 3% के बराबर एक वेतनवृद्धि प्रदान करके किया जाएगा और किसी विशिष्ट पद के मौजूदा ग्रेड की गणना 10 के अगले गुणांक तक पूर्णांकित की जाएगी। इसे वेतन बैंड में मौजूदा वेतन में जोड़ा जाएगा। तत्पश्चात् पदोन्नत पद तदनुरूपी ग्रेड वेतन, वेतन बैंड में वेतन के अतिरिक्त प्रदान किया जाएगा।
एमएसीपी स्कीम के तहत वेतन निर्धारण का अलग से कोई तरीका निर्धारित नहीं किया गया है। नियमित पदोन्नति के समय वेतन निर्धारण का लाभ एमएसीपी स्कीम के तहत वित्तीय उन्नयन के समय भी दिया जाएगा। इसलिए, वेतन को वेतन बैंड में कुल वेतन और ऐसे उन्नयन से पहले आहरित ग्रेड वेतन में 3% तक बढ़ाया जाएगा। तथापि, यदि वेतन एमएसीपी स्कीम के तहत दिए गए ग्रेड वेतन में ही है तो नियमित पदोन्नति के समय दोबारा वेतन का निर्धारण नहीं किया जाएगा। तथापि, वास्तविक पदोन्नति के समय यदि यह निर्धारण एमएसीपी स्कीम के तहत उपलब्ध ग्रेड वेतन की तुलना में उच्चतर ग्रेड वाले वेतन वाले में होता है तो कोई वेतन निर्धारण नहीं होगा और केवल ग्रेड वेतन का अंतर ही प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा, एमएसीपी में दिए गए ग्रेड वेतन से उच्चतर ग्रेड वेतन में पदोन्नति के मामले में, कर्मचारी के पास ऐसी नियमित पदोन्नति/गैर-कार्यात्मक वेतनमान प्रदान किए जाने की तारीख अथवा एमएसीपी के तहत प्रदत्त वेतन की अगली वेतनवृद्धि के प्रोदभवन की तारीख से ग्रेड वेतनों का अंतर आहरित करने का विकल्प होगा।
(ख) केन्द्रीय सिविल सेवा (संशोधित वेतन), नियमावली, 2008 के नियम 11 में यह प्रावधान है कि जहां कोई सरकारी कर्मचारी मोजूदा वेतनमान में अपना वेतन आहरित करना जारी रखता है और उसे जनवरी, 2006 की पहली तारीख के बाद संशोधित वेतन संरचना में रखा जाता है, तो संशोधित वेतन संरचना में बाद की तारीख से उसके वेतन का निर्धारण इस प्रकार किया जाएगा:-
वेतन-बैंड में वेतन का निर्धारण बाद की तारीख में लागू मूल वेतन, उस तारीख को लागू महंगाई भत्ते और 01.01.2006 को लागू दरों के आधार पर संशोधन-पूर्व महंगाई भत्ते को जोड़कर किया जाएगा। इस अंक को 10 के अगले गुणांक में पूर्णाकित किया जाएगा और तब यह लागू वेतन बैंड में वेतन होगा। इसके अतिरिक्त, संशोधन-पूर्व वेतनमान के तदनुरूपी ग्रेड वेतन देय होगा। जहां सरकारी कर्मचारी को विशेष वेतन या गैर-प्रैक्टिसिंग भत्ता प्राप्त होता है, वहां यथा-लागू नियम 70) (ख), (ग) या (घ) में निर्धारित प्रणाली का अनुपालन किया जाएगा, सिवाय इसके कि विचाराधीन मूल वेतन और महंगाई भत्ता उस तारीख को लागू मूल वेतन और महंगाई भत्ता होगा लेकिन महंगाई भत्ते की गणना 1.1.2006 को लागू दरों के आधार पर की जाएगी।
(ग): जी, नहीं। माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने वेतन का निर्धारण सीसीएस (आरपी) नियमावली, 2008 के नियम-11 के अनुसार किए जाने का निदेश दिया है।
(घ): संशोधित वेतन संरचना में वेतन निर्धारण के लिए कर्मचारियों के दावों का निपटान संबंधित मंत्रालयों/विभागों द्वारा, जहां अपेक्षित हो, वित्त मंत्रालय/व्यय विभाग के साथ परामर्श करके पूर्णतः: सीसीएस (आरपी) नियमावली, 2008 के अनुसार किया जाना होता है।
(ड.): भारत संघ एवं अन्य बनाम राज कुमार आनंद एवं अन्य मामले में सिविल अपील सं.3052/2019 में दिनांक 14.03.2019 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय केवल श्री राज कुमार आनंद एवं अन्य के मामले में वेतन निर्धारण के संबंध में ही है और यह सीसीएस (आरपी) नियमावली, 2008 के अनुरूप है। अत: इस मंत्रालय/विभाग द्वारा कोई सामान्य आदेश/कार्यालय ज्ञापन जारी किया जाना अपेक्षित नहीं है।
पीडीएफ प्राप्त करने के लिए क्लिक करें
इस आर्टिकिल का अंग्रेजी संस्करण पढ़ें (क्लिक करें) Pay-fixation method for regular promotion and MACP from 4200 Grade Pay to 4600 Pay: Clarification by Finance Ministry
COMMENTS