“राष्ट्रीय विसंगति कमिटी को एजेंडा प्रस्तुत करने के लिए डीओपीटी द्वारा तय की गई तिथि को 15.05.2017 तक स्थगित कर दिया जाना चाहिए तथा भत्तों पर समिति की सिफारिशों को प्राप्त होने के बाद स्टाफ साइड (जेसीएम) के साथ परामर्श कर एनोमोली कमिटी के एजेंडा तय किया जाना चाहिए” श्री शिवा गोपाल मिश्रा.
नेशनल काउंसिल स्टाफ साईड, जे.सी.एम. के सचिव श्री शिवा गोपाल मिश्रा ने अपने वेबसाईट द्वारा यह सूचित किया है कि “यह बहुत ही अफसोस की बात है कि, सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार मकान किराया एवं अन्य भत्तों के जॉंच के लिए सरकार द्वारा वित्त सचिव अशोक लवासा की अध्यक्षता में गठित कमिटी की भत्तों पर की गई सिफारिश की रिपोर्ट अभी तक जेसीएम (स्टाफ साइड) को नहीं मिली हैं”
श्री मिश्रा का कहना है कि, दुर्भाग्य से आज तक, वित्त मंत्रालय द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार मकान किराया एवं अन्य भत्तों के संबंध न तो कोई निर्णय लिया गया, न ही भत्तों के जॉंच के लिए सरकार द्वारा गठित लवासा कमिटी की भत्तों पर की गई सिफारिश की रिपोर्ट अभी सार्वजनिक किया गया है. अतः भत्ते के बारे में समिति की सिफारिशों का विश्लेषण किए बिना विसंगतियों को तैयार नहीं किया जा सकता.
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डी ओ पी टी) ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि सातवां वेतन आयोग के कार्यान्वयन में उत्पन्न होने वाले, केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन और भत्ते की भुगतान संबंधी विसंगतियों को हल करने की समय सीमा 15 नवंबर तक होगी.
“जैसा कि हमने विभिन्न स्तरों पर, सचिव (डीओपीटी), कैबिनेट सचिव (भारत सरकार) इत्यादि समेत को स्पष्ट किया है कि, भत्ते के बारे में समिति की सिफारिशों का विश्लेषण किए बिना विसंगतियों को तैयार नहीं किया जा सकता ” श्री शिवा गोपाल मिश्रा.
Read The Full Text in English At No 7th CPC Allowance then No Agenda for NAC, date fixed by DoPT should be postponed – Staff Side JCM
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार मकान किराया एवं अन्य भत्तों के जॉंच के लिए सरकार द्वारा गठित लवासा कमिटी की रिपोर्ट के अभाव में, जेसीएम स्टाफ साइड 15.05.2017 तक राष्ट्रीय विसंगति कमिटी को एजेंडे नहीं दे सकता है.
इसलिए, यह उपयुक्त होगा कि, राष्ट्रीय विसंगति कमिटी को एजेंडा प्रस्तुत करने के लिए डीओपीटी द्वारा तय की गई तिथि को 15.05.2017 तक स्थगित कर दिया जाना चाहिए तथा भत्तों पर समिति की सिफारिशों को प्राप्त होने के बाद स्टाफ साइड (जेसीएम) के साथ परामर्श कर एनोमोली कमिटी के एजेंडा तय किया जाना चाहिए.
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