VIP REFERENCES FOR RELEASE OF HEAD OFFICE QUOTA IN Railway रेल मुख्यालय कोटा जारी करने के लिए अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के संदर्भ

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VIP REFERENCES FOR RELEASE OF HEAD OFFICE QUOTA IN Railway रेल मुख्यालय कोटा जारी करने के लिए अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के संदर्भ

VIP REFERENCES FOR RELEASE OF HEAD OFFICE QUOTA IN Railway रेल मुख्यालय कोटा जारी करने के लिए अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के संदर्भ

(a) In order to meet the urgent travel requirements of High Official Requisition (HOR) holders (which includes Central Government Ministers, Judges of Hon’ble Supreme Court/High Courts of various States), Members of Parliament and other emergent demands, who are on the waiting list, a limited number of berths/seats have been earmarked as Emergency Quota in different trains and in different classes. The quota is released by the Railways in accordance with the priority as per warrant of precedence and well established practice being followed since long. At the time of allotment of berths/seats, emergency quota is first allotted for self travel of HOR holders/Members of Parliament, etc., strictly as per their inter-se seniority in warrant of precedence. Thereafter, other requisitions received from various quarters including those from Members of Parliament are considered and the remaining quota is released taking into account various factors like official status of passengers travelling, nature of urgency like travelling on government duty, bereavement in the family, sickness, job interview, etc. While the requests received from HOR holders/Hon’ble Members of Parliament for their self travel are complied with, in case of requests forwarded by them for other than self travel, at times, it is not feasible to accommodate all such requests when the demand exceeds the availability.

(b): Since a large number of requests are received from various quarters at various levels and are dealt with on day to day basis, details of requests received for release of accommodation out of Emergency Quota including those from HOR holders/Hon’ble Members of Parliament are only preserved as per extant guidelines.

(c) & (d): No, Sir. However, some instances of attempts to get accommodation released out of Emergency Quota on the authority of fake letter heads of high dignitaries and some Railway Officers have come to notice. As reservation staff remains alert for such letters during peak rush periods, the genuineness of these letters is checked. When it is confirmed that these are fake, no accommodation is released on such requests and further action like lodging of criminal case is taken.

(e): Indian Railways have already taken various steps to streamline the process of reservation of accommodation by Hon’ble Members of Parliament, its confirmation by release of emergency quota thereof, conducting of checks to keep a watch on the activities of the staff involved in release of emergency quota, etc. Recently, Minister of State of Railways has written a letter to all the Hon’ble Ministers and Members of Parliament seeking their co-operation in systematizing the procedure of prioritization of letters received for release of accommodation out of Emergency Quota. Further, improvement in the functioning of computerized Passenger Reservation System (PRS), release of emergency quota, etc. is a continuous and ongoing process.

(क): उच्च पदाधिकारी मांगपत्र (एचओआर) धारकों, (जिनमें केंद्र सरकार के मंत्री, माननीय उच्चतम न्यायालय/विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश, संसद सदस्य शामिल होते हैं), की तत्काल यात्रा आवश्यकताओं और अन्य आकस्मिक मांगें, जो प्रतीक्षा-सूची में होती हैं, को पूरा करने के लिए विभिन्न गाड़ियों में और विभिन्न श्रेणियों में आपातकालीन कोटे के रूप में बर्थों/सीटों की सीमित संख्या निर्धारित की गई है। यह कोटा वारंट ऑफ प्रीसिडेंस के आधार पर प्राथमिकता के अनुसार रेलवे द्वारा जारी किया जाता है और इसमें काफी लंबे समय से एक सुनिर्धारित परिपाटी अपनाई जा रही है। सीटों/बर्थों के आबंटन के समय पर वारंट ऑफ प्रीसिडेंस में उनकी पारस्परिक-वरिष्ठता का कड़ाई से अनुपालन करते हुए स्वयं यात्रा करने वाले एचओआर धारकों/संसद सदस्यों आदि के लिए सर्वप्रथम आपातकालीन कोटा आबंटित किया जाता है। इसके बाद, विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त अन्य मांगपत्रों, जिसमें संसद सदस्यों के मांग-पत्र भी शामिल होते हैं, पर विचार किया जाता है और शेष कोटे को यात्रियों, सरकारी ड्यूटी पर यात्रा करने जैसी तात्कालिकता, परिवार में शोक, बीमारी, नौकरी के लिए साक्षात्कार, आदि जैसे विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए जारी किया जाता है। यद्यपि, एचओआर धारकों/माननीय सांसदों द्वारा स्वयं यात्रा के लिए प्राप्त अनुरोधों को पूरा किया जाता है, लेकिन उनके द्वारा स्वयं के अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति के लिए अग्रेषित किए गए अनुरोधों के मामले में, मांग उपलब्धता से अधिक होने के कारण ऐसे सभी अनुरोधों को समाहित करना, कभी-कभार व्यवहारिक नहीं होता।

(ख): चूंकि विभिन्न क्षेत्रों से विभिन्न स्तरों पर बड़ी संख्या में अनुरोध प्राप्त होते हैं, और दिन प्रतिदिन आधार पर उन पर कार्रवाई की जाती है, इसलिए केवल एचओआर धारकों/माननीय संसद सदस्यों से प्राप्त अनुरोध सहित आपातकालीन कोटा से स्थान जारी करने संबंधी अनुरोधों का ब्यौरा ही मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार सुरक्षित रखा जाता है।

(ग) और (घ): जी नहीं। बहरहाल, गणमान्य व्यक्तियों और कुछ रेल अधिकारियों के जाली लैटर हैड के प्राधिकार पर आपातकालीन कोटे से सीट जारी करवाने के प्रयास के कुछ मामले ध्यान में आए हैं। चूंकि अधिक भीड़-भाड़ वाली अवधियों के दौरान इस प्रकार के पत्रों के संबंध में आरक्षण कर्मचारी सतर्क रहते हैं, इसलिए इन पत्रों की प्रामाणिकता की जांच की जाती है। इन पत्रों के जाली होने की पुष्टि होने पर इस प्रकार के अनुरोधों पर कोई सीट जारी नहीं की जाती और आपराधिक मामला दर्ज करने जैसी आगे की कार्रवाई की जाती है।

(ङ): भारतीय रेल ने पहले ही माननीय सांसदों द्वारा एकोमोडेशन के आरक्षण की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं जैसे आपातकालीन कोटा जारी करके इसकी पुष्टि करना, आपातकालीन कोटा जारी करने में शामिल कर्मचारियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जांच करना, आदि। हाल ही में, रेल राज्य मंत्री ने सभी माननीय मंत्रियों और सांसदों को पत्र लिखकर आपातकालीन कोटा से एकोमोडेशन जारी करने के लिए प्राप्त पत्रों को प्राथमिकता देने की प्रक्रिया को व्यवस्थित करने में उनके सहयोग की मांग की है। इसके अलावा, कंप्यूटरीकृत यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) की कार्यप्रणाली में सुधार लाना, आपातकालीन कोटा जारी करना, आदि सतत और निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

The above statement was submitted by Ministry of Railway of undermentioned Rajya Sabha Question:-

GOVERNMENT OF INDIA भारत सरकार
MINISTRY OF RAILWAYS रेल मंत्रालय

RAJYA SABHA राज्य सभा

UNSTARRED QUESTION NO. 2178  अतारांकित प्रश्न सं. 2178
ANSWERED ON 06.12.2019 उत्तर 06.12.2019

VIP REFERENCES FOR RELEASE OF HEAD OFFICE QUOTA

मुख्यालय कोटा जारी करने के लिए अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के संदर्भ

 

2178. SHRI G.C. CHANDRASHEKHAR 2178. श्री जी. सी. चन्द्रशेखर

Will the Minister of RAILWAYS be pleased to state क्या रेल मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः

(a) whether VIP references for release of Head Office (HO) quota to the Ministry of Railways/Railway Zones are not accorded priority in recent times;

(b) if so, the details thereof including number of references received and quota released during the last two years, Zone-wise;

(c) whether complaints/representations from VIPs/Members of Parliament (MPs) have been regularly received against officials of MR Cell for deliberate and biased treatment of VIP references;

(d) if so, the details thereof and the action taken thereon; and

(e) the other related steps and initiatives being taken by Government?

(क) क्या मुख्यालय कोटा जारी करने के लिए रेल मंत्रालय/रेलवे ज़ोन को दिए जाने वाले अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के संदर्भों को हाल के समय में प्राथमिकता नहीं दी जा रही है;

(ख) यदि हां, तो गत दो वर्षों के दौरान प्राप्त हुए संदर्भों और जारी किए गए कोटे की संख्या सहित तत्संबंधी ज़ोन-वार ब्यौरा क्या है;

(ग) क्या अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के संदर्भों के प्रति जानबूझकर और पक्षपाती व्यवहार के लिए एम आर प्रकोष्ठ के अधिकारियों के विरुद्ध अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों/संसद सदस्यों (एमपी) से नियमित रूप से शिकायतें/अभ्यावेदन प्राप्त होते रहते हैं;

(घ) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और इस पर क्या कार्रवाई की गई है; और

(ङ) सरकार द्वारा अन्य कौन से संबंधित कदम उठाए जा रहे हैं और कौन-कौन सी पहलें की जा रही हैं?

उत्तर ANSWER

MINISTER OF RAILWAYS AND COMMERCE & INDUSTRY

रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री
(SHRI PIYUSH GOYAL) (श्री पीयूष गोयल)

(a) to (e): A Statement is laid on the Table of the House. (क) से (ङ): एक विवरण सभा पटल पर रख दिया गया है।

STATEMENT REFERRED TO IN REPLY TO PARTS (a) TO (e) OF UNSTARRED QUESTION NO. 2178 BY SHRI G.C. CHANDRASHEKHAR ANSWERED IN RAJYA SABHA ON 06.12.2019 REGARDING VIP REFERENCES FOR RELEASE OF HEAD OFFICE QUOTA

मुख्यालय कोटा जारी करने के लिए अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों के संदर्भ के संबंध में 06.12.2019 को राज्य‍ सभा में श्री जी. सी. चन्द्रशेखर के अतारांकित प्रश्न सं. 2178 के भाग (क) से (ङ) के उत्तर से संबंधित विवरण

As above

vip references for release of head office e1576604856916Source: Rajya Sabha

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