Payment of arrears of disability element amounting to Rs.3,53,018/- after 05 years to Shri. Joginder Singh: Success Story of CPENGRAMS portal

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Payment of arrears of disability element amounting to Rs.3,53,018/- after 05 years to Shri. Joginder Singh: Success Story of CPENGRAMS portal

Payment of arrears of disability element amounting to Rs.3,53,018/- after 05 years to Shri. Joginder Singh: Success Story of CPENGRAMS portal

7. SUCCESS STORIES: PORTAL

7.5 Name: Shri. Joginder Singh

Gist of Success Story: Payment of arrears of disability element amounting to Rs.3,53,018/- after 05 years to Shri. Joginder Singh

Shri. Joginder Singh, a retired Indian Air Force pensioner residing in Kanpur, faced a five-year struggle to secure the disability element of his pension. This article delves into his journey, highlighting the challenges he faced and the critical role played by the CPENGRAMS Portal in helping him finally receive his rightful arrears of Rs.3,53,018/-.

The Beginning: Retirement and Initial Challenges

Shri. Joginder Singh retired on December 31, 2019, with a disability. However, despite his condition, the disability element was not included in his pension at the time of retirement. This oversight posed significant financial challenges, prompting Shri. Singh to seek redress through various representations to the concerned authorities.

Persistent Efforts: Seeking Disability Pension Inclusion

From January 2020, Shri. Singh tirelessly pursued the inclusion of the disability element in his pension. After numerous appeals, his efforts were partially successful in November 2022 when the disability element was finally added to his pension. Unfortunately, this inclusion was not retroactive, leaving a substantial gap from January 2020 to October 2022.

Filing for Arrears: A Lengthy Process

Determined to secure his rightful dues, Shri. Singh filed a claim for the arrears of the disability element of his pension for the period from January 2020 to October 2022. However, the processing of his claim was sluggish, further prolonging his financial woes.

A Ray of Hope: Discovery of the CPENGRAMS Portal

In September 2023, Shri. Singh discovered the CPENGRAMS Portal, an online platform designed to address pension-related grievances efficiently. On September 22, 2023, he filed a complaint (DOPPW/E/2023/0042919) on the portal, hoping for a quicker resolution to his case.

Escalation and Intervention: Senior Officers’ Meeting

His complaint was forwarded to the Principal Controller of Defence Accounts (PCDA). While his case was under review, it caught the attention of senior officials during a Senior Officers’ Meeting (SOM) of the Department of Pension & Pensioners’ Welfare (DOPPW). Recognizing the urgency and validity of his case, the Secretary (Pension) directed the PCDA to expedite the process.

Resolution: Sanction of Arrears

Responding to the directive, the PCDA reviewed and sanctioned the arrears of Rs.3,53,018/- on account of the disability element on January 29, 2024. The next day, January 30, 2024, the case was officially closed, marking the end of Shri. Singh’s long battle for justice.

Conclusion

Shri. Joginder Singh’s story is a powerful example of the impact that determination and effective grievance redress mechanisms can have on the lives of pensioners. His five-year journey to secure disability pension arrears underscores the importance of accessible platforms like the CPENGRAMS Portal in addressing and resolving pension-related issues.

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7. सफलता की कहानियाँ: पोर्टल

7.5 नाम: श्री जोगिंदर सिंह

सफलता की कहानी का सारांश: श्री जोगिंदर सिंह को 5 वर्षों के बाद 3,53,018/- रुपये की विकलांगता तत्व की बकाया राशि का भुगतान।

श्री जोगिंदर सिंह, कानपुर में निवास करने वाले भारतीय वायु सेना के सेवानिवृत्त पेंशनभोगी, ने अपनी पेंशन के विकलांगता तत्व को सुरक्षित करने के लिए पांच साल की लंबी लड़ाई लड़ी। यह लेख उनके संघर्ष, उन्होंने सामना की गई चुनौतियों और CPENGRAMS पोर्टल की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है, जिसने अंततः उन्हें 3,53,018/- रुपये की बकाया राशि दिलाने में मदद की।

आरंभ: सेवानिवृत्ति और प्रारंभिक चुनौतियाँ

श्री जोगिंदर सिंह 31 दिसंबर 2019 को विकलांगता के साथ सेवानिवृत्त हुए। हालाँकि, उनकी स्थिति के बावजूद, सेवानिवृत्ति के समय उनकी पेंशन में विकलांगता तत्व शामिल नहीं किया गया था। इस चूक ने वित्तीय चुनौतियों को जन्म दिया, जिससे श्री सिंह को संबंधित अधिकारियों से समाधान पाने के लिए विभिन्न प्रतिवेदन देने पड़े।

दृढ़ प्रयास: विकलांगता पेंशन शामिल करने की मांग

जनवरी 2020 से, श्री सिंह ने अपनी पेंशन में विकलांगता तत्व को शामिल करने के लिए अथक प्रयास किए। कई अपीलों के बाद, नवंबर 2022 में उनकी पेंशन में विकलांगता तत्व को आखिरकार शामिल कर लिया गया। दुर्भाग्यवश, यह शामिल होना पूर्ववर्ती नहीं था, जिससे जनवरी 2020 से अक्टूबर 2022 तक का महत्वपूर्ण अंतर बना रहा।

बकाया के लिए दावा दाखिल करना: एक लंबी प्रक्रिया

अपने हक की राशि सुरक्षित करने के लिए दृढ़ संकल्पित, श्री सिंह ने जनवरी 2020 से अक्टूबर 2022 तक की अवधि के लिए विकलांगता तत्व के बकाया की मांग का दावा दाखिल किया। हालाँकि, उनके दावे की प्रक्रिया धीमी थी, जिससे उनकी वित्तीय समस्याएँ और बढ़ गईं।

उम्मीद की किरण: CPENGRAMS पोर्टल की खोज

सितंबर 2023 में, श्री सिंह को CPENGRAMS पोर्टल के बारे में पता चला, जो पेंशन से संबंधित शिकायतों को कुशलतापूर्वक सुलझाने के लिए एक ऑनलाइन मंच है। 22 सितंबर 2023 को, उन्होंने पोर्टल पर एक शिकायत (DOPPW/E/2023/0042919) दर्ज की, जिससे उन्हें अपने मामले के तेजी से समाधान की उम्मीद थी।

प्रमोचन और हस्तक्षेप: वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक

उनकी शिकायत को प्रधान नियंत्रक रक्षा लेखा (PCDA) को अग्रेषित किया गया। जबकि उनका मामला समीक्षा के अधीन था, यह पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DOPPW) की वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक (SOM) के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया। उनके मामले की तात्कालिकता और वैधता को पहचानते हुए, पेंशन सचिव ने PCDA को प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया।

समाधान: बकाया की स्वीकृति

निर्देश का जवाब देते हुए, PCDA ने मामले की समीक्षा की और 29 जनवरी 2024 को विकलांगता तत्व के बकाया के रूप में 3,53,018/- रुपये की राशि स्वीकृत की। अगले दिन, 30 जनवरी 2024 को, मामला आधिकारिक रूप से बंद कर दिया गया, जिससे श्री सिंह की लंबी लड़ाई का अंत हुआ।

निष्कर्ष

श्री जोगिंदर सिंह की कहानी इस बात का शक्तिशाली उदाहरण है कि दृढ़ संकल्प और प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र पेंशनभोगियों के जीवन पर क्या प्रभाव डाल सकते हैं। विकलांगता पेंशन बकाया को सुरक्षित करने के लिए उनकी पांच साल की यात्रा, पेंशन से संबंधित मुद्दों को सुलझाने और समाधान प्रदान करने में CPENGRAMS पोर्टल जैसे सुलभ प्लेटफार्मों के महत्व को रेखांकित करती है।

Source: DoP&PW

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