एनपीएस के विरोध में कर्मचारियों को एकजुट करेगा एआईआरएफ
नार्दन रेलवे मेंस यूनियन की केंद्रीय समिति की बैठक में उत्तर भारत के विभिन्न प्रांतों से आए कर्मचारी नेताओं ने केंद्र और राज्य कर्मचारियों के समक्ष आ रही चुनौतियों पर चर्चा की। आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री क. शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि सरकार ने एनपीएस (नई पेंशन स्कीम) के नाम पर केंद्र और राज्य कर्मचारियों के साथ धोखा किया है। एआईआरएफ केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों को एक मंच पर लाकर पुरानी पेंशन लागू करने के लिए आंदोलन करेगा।.
केंद्रीय सिमिति की बैठक के दौरान महांमत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि एक जनवरी वर्ष 2004 के बाद भर्ती कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम में शामिल किया गया है। पेंशन के लाभ के लिए कर्मचारियों के वेतन से 10 प्रतिशत की कटौती की जा रही है। इस पैसे का उपयोग कहां किया जा रहा है, इसकी जानकारी कर्मचारियों को नहीं दी गई। नई पेंशन स्कीम में फैमली पेंशन की गारंटी नहीं है। कहा कि वर्ष 2016 में उनकी केंद्र सरकार के संगठनों, गृहमंत्री, वित्त मंत्री, रेलवे मंत्री और रेल राज्य मंत्री के साथ कई बैंठकें हुईं, लेकिन कर्मचारियों की मांगों को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ। कहा कि सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद विसंगतियों दूर किया जाना, एनपीएस के दायरे में आने वाले सभी कर्मचारियों के लिए पेंशन की गारंटी और पारिवारिक पेंशन का प्रावधान, निजीकरण के प्रयास समाप्त करना, न्यूनतम वेतन 18 हजार से 26 हजार करने और रनिंग स्टाफ के भत्ते में बढोतरी आदि मांगों पर अब तक सरकार ने अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। कहा कि एआईआरएफ सभी केंद्र और राज्य कर्मचारियों को एकजुट कर पहले जिला फिर प्रदेश और अंत में राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू करेगी। आगामी शीतकालीन संसदीय सत्र के दौरान दिल्ली में विशाल रैली आयोजित की जाएगी, जिसमें देशभर से पांच लाख कर्मचारियों के शामिल होने की संभावना हैं। इसके बाद भी सरकार मांगें नहीं मानती तो कर्मचारी अनिश्चितिकालीन हड़ताल करेंगे। बैठक में एस के त्यागी अध्यक्ष नरमू, डीएन चौबे सहायक महांमत्री नरमू, महेंद्र श्रीवास्तव निदेशक एआइआरएफ, शाखा सचिव अजय तोमर, वीके श्रीवास्तव अध्यक्ष सहायक शाखा सचिव ओमवीर सिंह, गोपाल चौधरी उपाध्यक्ष, संजय, दुर्गेश खन्ना, पुष्पा देवी, पंकज आदि मौजूद रहे। .
फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा कहा कि वर्तमान में फेडरेशन से सात लाख कर्मचारी जुड़े हैं। अगर इनमें से केवल चार लाख कर्मचारी ही हड़ताल पर चले जाएं तो रेलवे का कामकाज ठप हो जाएगा।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि वर्तमान में रेलवे में कर्मचारियों के 2 लाख से ज्यादा पद रिक्त हैं। नए कर्मचारी भर्ती करने के बजाय रेलवे रिटायर कर्मचारियों को काम पर वापस बुला रही है। ठेकेदारी व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है। ठेकेदारी पर कर्मचारी भर्ती किए जा रहे हैं। .
बैठक में ऑल इंडिया रेलवे मैंस फेडरेशन के नौ डिविजन के पदाधिकारियों ने शिरकत की । बैठक में देशभर से सभी नौ डिविजन के 250 शाखा सचिव और अध्यक्ष प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुए।
(Source: Livehindustan)
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