Demand to increase Minimum Pension under EPF Pension Scheme ईपीएफ पेंशन योजना के अधीन न्यूनतम पेंशन बढ़ाए जाने की मांग

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Demand to increase Minimum Pension under EPF Pension Scheme ईपीएफ पेंशन योजना के अधीन न्यूनतम पेंशन बढ़ाए जाने की मांग

Demand to increase Minimum Pension under EPF Pension Scheme ईपीएफ पेंशन योजना के अधीन न्यूनतम पेंशन बढ़ाए जाने की मांग

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF LABOUR AND EMPLOYMENT

RAJYA SABHA

STARRED QUESTION NO. 177
TO BE ANSWERED ON 17.03.2022

DEMAND TO INCREASE MINIMUM PENSION UNDER EPF PENSION SCHEME

177. SHRI M. SHANMUGAM:

Will the Minister of Labour and Employment be pleased to state:

(a)whether Government is receiving demands from stakeholders like trade unions and public representatives for increasing the minimum pension under the EPF pension scheme;

(b)if so, the demands of the stakeholders and the response of Government;

(c)whether Government would consider positively the hike in minimum pension for the EPF holders, in view of rise in the cost of living index and hike in wages;

(d)if so, by when it is expected to be announced; and

(e)if not, the justifiable reasons for not increasing the minimum pension?

ANSWER

MINISTER OF LABOUR AND EMPLOYMENT
(SHRI BHUPENDER YADAV)

(a) to (e): Representations have been received from various stakeholders to increase the minimum pension under the Employees’ Pension Scheme (EPS), 1995.

The Employees’ Pension Scheme (EPS), 1995 is a ‘Defined Contribution-Defined Benefit’ Social Security Scheme. The corpus of the Employees’ Pension Fund is made up of (i) contribution by the employer @ 8.33 per cent of wages; and (ii) contribution from Central Government through budgetary support @ 1.16 per cent of wages, up to an amount of Rs.15,000/- per month. All benefits under the scheme are paid out of such accumulations. The fund is valued annually as mandated under paragraph 32 of the EPS, 1995 and as per the valuation of the fund as on 31.03.2019, there is an actuarial deficit.

Amount of member’s’ pension under the Scheme is determined taking into account the pensionable period of service and pensionable salary as per following formula:

Pensionable Service X Pensionable Salary
70

It is evident that the amount of pension is based on a predefined formula. However, the Government, for the first time, in the year 2014, provided a minimum pension of Rs. 1000 per month to the pensioners under the EPS, 1995 by providing budgetary support, which was in addition to the budgetary support of 1.16% of wages provided annually towards EPS to Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO).

Considering the demands of Employees’ Pension Scheme (EPS), 1995 pensioners, the Government. constituted a High Empowered Monitoring Committee (HEMC) for complete evaluation and review of EPS 1995. The Committee considered the issue of dearness allowance under EPS, 1995 and has recommended, inter-alia, that linking the pension admissible under EPS 95 with cost of living index is not feasible in view of actuarial position.

भारत सरकार
श्रम और रोजगार मंत्रालय

राज्य सभा
तारांकित प्रश्न संख्या 177

गुरुवार, 17 मार्च, 2022/26 फाल्गुन, 1943 (शक)

ईपीएफ पेंशन योजना के अधीन न्यूनतम पेंशन बढ़ाए जाने की मांग

“177. श्री एम. शनमुगम:

क्या श्रम और रोजगार मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्या सरकार को श्रमिक संघों और जन-प्रतिनिधियों जैसे हितधारकों की ओर से ईपीएफ पेंशन योजना के अधीन न्यूनतम पेंशन को बढ़ाए जाने के संबंध में मांगे प्राप्त हो रही हैं;

(ख) यदि हां, तो हितधारकों की मांगे क्‍या हैं और इस पर सरकार की कया प्रतिक्रिया है;

(ग) क्या सरकार जीवन निर्वाह व्यय सूचकांक में वृद्धि और वेतन में बढ़ोतरी के मद्देनजर ईपीएफ धारकों के लिए न्यूनतम पेंशन में बढ़ोतरी करने पर सकारात्मक रूप से विचार करेगी;

(घ) यदि हां, तो इसकी घोषणा कब तक कर दिए जाने की संभावना है; और

(ड) यदि नहीं, तो न्यूनतम पेंशन नहीं बढ़ाए जाने के तर्कसंगत कारण क्‍या हैं?

उत्तर

श्रम और रोजगार मंत्री
(श्री भूपेन्द्र यादव)

(क) से (ड): कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस), 1995 के तहत न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के लिए विभिन्‍न हितधारकों से अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं।

कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस), 1995 एक ‘परिभाषित अंशदान-परिभाषित लाभ’ सामाजिक सुरक्षा योजना है। कर्मचारी पेंशन निधि का कोष () नियोक्ता द्वारा वेतन के 8.33 प्रतिशत की दर से अंशदान; और (1) 15,000/- रुपये प्रति माह तक के वेतन के 1.16 प्रतिशत की दर से बजटीय सहायता के माध्यम से केंद्र सरकार की ओर से अंशदान से बना है। योजना के तहत सभी लाभों का भुगतान इस तरह की संचित राशि से किया जाता है। ईंपीएस, 1995 के पैरा 32 के तहत यथा अधिदेशित निधि का मूल्यांकन प्रत्येक वर्ष किया जाता है और दिनांक 31.03.2019 के निधि के मूल्यांकन की स्थिति के अनुसार, बीमांकिक घाटा हुआ है।

योजना के तहत सदस्य की पेंशन की राशि का निर्धारण सेवा की पेंशन योग्य अवधि और पेंशन योग्य वेतन को ध्यान में रखते हुए निम्न सूत्र के अनुसार किया जाता है:

पेंशन योग्य सेवा x पेंशन योग्य वेतन
70

यह स्पष्ट है कि पेंशन की राशि एक पूर्वनिर्धारित फार्मूले पर आधारित है। तथापि, सरकार ने पहली बार, वर्ष 2014 में, ईपीएस, 1995 के तहत पेंशनधारकों को बजटीय सहायता, जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को ईपीएस के लिए वाषिक रूप से प्रदान किए जाने वाले वेतन के 1.16% की बजटीय सहायता के अतिरिक्त थी, उपलब्ध कराकर 1000/- रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन प्रदान की।

कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस), 1995 के पेंशनभोगियों की मांगों पर विचार करते हुए, सरकार ने ईपीएस, 1995 के पूर्ण मूल्यांकन और समीक्षा के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त निगरानी समिति (एचईएमसी) का गठन किया। समिति ने ईपीएस, 1995 के तहत महंगाई भत्ते के मुद्दे पर विचार किया और अन्य बातों के साथ-साथ सुझाव दिया कि बीमांकिक स्थिति को देखते हुए ईपीएस, 95 के तहत स्वीकार्य पेंशन को जीवन-यापन लागत सूचकांक से जोड़ना व्यवहार्य नहीं है।

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Source: Rajya Sabha PDF

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