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Benefit of Old Pension Scheme to officials under NPS राष्ट्रीय पेंशन योजना के अधीन आने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ

Benefit of Old Pension Scheme to officials under NPS राष्ट्रीय पेंशन योजना के अधीन आने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS
(DEPARTMENT OF PENSION & PENSIONERS’ WELFARE)
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 425
(TO BE ANSWERED ON 22.07.2021)

BENEFITS OF OLD PENSION SCHEME

425 SMT. CHHAYA VERMA:
SHRI VISHAMBHAR PRASAD NISHAD:
CH. SUKHRAM SINGH YADAV:
SHRI NEERAJ SHEKHAR:

Will the PRIME MINISTER be pleased to refer to answer to Unstarred Question 428 given in the Rajya Sabha on 4th February, 2021 and state:

(a) whether Supreme Court has dismissed the Special Leave to Appeal (C) 173/2021 on 04/02/2021 and has allowed the Central Government officials under NPS, the benefits of old pension scheme whose advertisement were advertised before 01/01/2004 and results/joining occured after 31/12/2003;

(b) if so, the details thereof;

(c) whether Government would issue general orders for similar cases to ease out litigation and undue burden on resources and exchequer of Government and its own officials on the line of above judgment; and

(d) if not, the rationale therefor?

ANSWER

MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS AND MINISTER OF STATE IN THE PRIME MINISTER’S OFFICE (DR. JITENDRA SINGH)

(a) to (d ): A Writ Petition No. 756/2020 was filed by Dr. Davinder Singh Brar before the Hon’ble High Court of Delhi. Hon’ble Court vide its order dated 28.01.2020, allowed the Writ Petition. The operative portion of the order reads as under:

“12. Mr. Anurag Ahluwalia, CGSC sought to draw a distinction between the aforesaid case and the one at hand by pointing out that the Petitioner here had been selected pursuant to a Selection process that concluded only in February, 2004, whereas, in other instances where this Court had granted relief, the selection process had concluded before 1st January, 2004.

13. The Court is not persuaded that the above distinction can constitute a ground for denying to the Petitioner coverage under the Old Pension Scheme (OPS). The fact remains that for an advertisement that came to be issued on 24th May, 2003, the Respondents only concluded the selection process in February, 2004. It is not the case of the Respondents that this delay was attributable to the Petitioners. Further, the OM dated 13th April, 2018, referred to hereinabove, does not recognize any such distinction for the purpose of deciding eligibility of personnel to the OPS.

14. In that view of the matter, the impugned order dated 17th August 2019 is hereby set aside. A direction is issued to the Respondents to extend the benefit of the OPS to the Petitioner in terms of the CCS (Pension) Rules, 1972 by issuing appropriate order within a period of 12 weeks from today. The petition is disposed of in the above terms.”

Since, the above judgement was not in consonance with the provisions of notification issued by Ministry of Finance ( Department of Economic Affairs) on 22.12.2003, an SLP No. 173/2021 was filed before Hon’ble Supreme Court. Hon’ble Supreme Court vide its order dated
04.02.2021, dismissed the SLP.

National Pension System (NPS) was introduced for Central Government employees by a Notification of Ministry of Finance (Department of Economic Affairs) dated 22nd December, 2003. NPS is mandatory for all new recruits to the Central Government service from 1st January,
2004 (except the armed forces). However, in some specific court cases, like WP(C) No. 3834/2013 titled Parma Nand Yadav Vs. Union of India and WP(C) No. 2810/2016 titled Rajendra Singh Vs. Union of India, where the selection of candidates had been made before 01.01.2004 but their actual appointment in the Government service could be made on or after 01.01.2004 due to various reasons, on the direction of the Hon’ble High Court of Delhi, the benefit of old pension scheme was allowed to the petitioners.

After considering all the relevant aspects and to extend the benefit to similarly placed Government servants in order to reduce further litigation, the Government has decided, vide an Office Memorandum No. 57/04/2019-P&PW(B) dated 17th February, 2020 of the Department of Pension & Pensioners’ Welfare, that in all cases where the results for recruitment were declared before 01.01.2004 against vacancies occurring on or before 31.12.2003, the candidates declared successful for recruitment shall be eligible for coverage under the Central Civil Services (Pension) Rules, 1972. Accordingly, such Government servants who were declared successful for recruitment in the results declared on or before 31.12.2003 against vacancies occurring before 01.01.2004 and covered under the National Pension System on joining service on or after 01.01.2004, may be given a one — time option to be covered under the Central Civil Services (Pension) Rules, 1972.

In view of the specific provisions of the Notification dated 22.12.2003, the date of advertisement for the vacancies or the date of examination for selection against those vacancies is not considered relevant for determining the eligibility for coverage under the Old Pension Scheme or the National Pension System.

benefit-of-old-pension-scheme-to-officials-under-nps

भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
(पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग)
राज्यसभा
अतारांकित प्रश्न संखया 425
(दिनांक 22.07.2021 को उत्तर दिया जाना है)

पुरानी पेंशन योजना का लाभ

425. श्रीमती छाया वर्मा:
श्री विशम्भर प्रसाद निषाद:
चौधरी सुखराम सिंह यादव:
श्री नीरज शेखर:

क्या प्रधानमंत्री दिनांक 4 फरवरी, 2021 को राज्य सभा में अतारांकित प्रश्न 428 के दिए गए उत्तर को देखेंगे और यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) कया उच्चतम न्यायालय ने 04.02.2021 के अपील के लिए विशेष इजाजत(सिविल) 173/2021 को खारिज कर दिया है और राष्ट्रीय पेंशन योजना के अधीन आने वाले केंद्र सरकार के ऐसे कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त किए जाने की अनुमति दी है जिनके विज्ञापन 01/01/2004 से पूर्व प्रकाशित किए गए थे तथा जिनके परीक्षाफल 31/12/2003 के बाद आए अथवा नियुक्ति 31/12/2003 के बाद हुई;

(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्‍या है ;

(ग) क्‍या सरकार उक्त निर्णय की तर्ज पर मुक़दमेबाज़ी और संसाधनों तथा सरकारी खजाने और अपने अधिकारियों पर अत्यधिक बोझ को कम करने के लिए समान मामलों हेतु सामान्य आदेश जारी करेगी ;

(घ) यदि नहीं, तो इसका क्‍या औचित्य है?

उत्तर

कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यात्रय में राज्य मंत्री (डॉ.जितेंद्र सिंह)

(क) से (घ): डॉ. दविंदर सिंह बराड़ द्वारा माननीय दिल्‍ली उच्च नन्‍यायात्रय के समक्ष एक रिट याचिका संख्या 756/2020 दायर की गई थी। माननीय नन्‍्यायात्रय ने दिनांक 28.01.2020 के अपने आदेश दूवारा रिट याचिका को स्वीकार कर लिया। आदेश का सक्रिय भाग इस प्रकार हैः

“12, श्री अनुरुग अहलवानिया सीजीएससी ने उपरोक्त मामले ऑर मौजूदा मामने के बीच अंतर करने की मांग करते हुए कहा कि यहां याचिकाकर्ता का चयन एक चयन प्रक्रिया के अनुसार किया गया था जो फरवरी 2004 में समाप्त ह्र्ई ९१% जबकि अन्य मामनों में जहां इस अदालत ने राहत दी थी वहां चयन प्रक्रिया 7 जनवरी 2004 से पहले समाप्त हो गर्ड थी।”

13, नन्‍्यायान्य इस बात से सहमत नहीं हैं कि उपरोक्त अंतर के आधार पर याचिकाकर्ता को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के तहत कवर किए जाने से वंचित किया जा सकता हैं। तथ्य यह है कि 24 मई, 2003 को जारी ढ॒ए एक विज़ापन के लिए प्रतिवादियों ने फरवरी 2004 में चयन प्रक्रिया को समाप्त कर दिया था। यह प्रतिवादियों का मामना नहीं है कि यह देरी याचिकाकर्ताओं के कारण हुई शी/ इसके अनावा यहां ऊपर उल्लिखित 13 अप्रैल 2018 के कार्यालय ज़ापन में ओपीएस के लिए कार्मिको की पात्रता तय करने के प्रयोजन के लिए ऐसे किसी अंतर को मान्यता नहीं दी गई हैं।

14. इस मामने को ध्यान में रखते हुए दिनाक 17 अगस्त 2019 का आक्षेपित आवेश एतद्‌ववारा अपास्त किया जाता हैं। प्रतिवादियों को यह निर्देश जारी किया जाता है कि आज से 12 सप्ताह की अवधि के भीतर समुचित आदेश जारी करके याचिकाकर्ता को; केन्द्रीय सिवित्र सेवा (पेंशन) नियमावत्री 19722 के अधीन पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए। उपरोक्त शर्तों में याचिका का निफप्टारा किया जाता है।”

चूंकि, उपरोक्त निर्णय वित्त मंत्रालय(आर्थिक कार्य विभाग) द्वारा दिनांक 22.12.2003 को जारी की गई अधिसूचना के उपबंधों के अनुरूप नहीं था, माननीय उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक एसएलपी संख्या 173/2021 दायर की गई। माननीय उच्चतम नन्‍्यायात्रय ने दिनांक 04.02.2021 के अपने आदेश द्वारा एसएलपी को खारिज कर दिया।

वित्त मंत्रालय(आर्थिक कार्य विभाग) के दिनांक 22 दिसंबर, 2003 की अधिसूचना द्वारा केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली(एनपीएस) शुरू की गई थी। केंद्रीय सरकार की सेवा में दिनांक 1 जनवरी, 2004 से होने वाली सभी नई नियुक्तियों(सशस्त्र बलों को छोड़कर) के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली(एनपीएस) अनिवार्य है। तथापि, कुछ विशिष्ट अदालती मामलों में, जैसे डबल्यूपी(सी) सं. 3834/2013 शीर्षक परमा नंद यादव बनाम भारत संघ और डब्ल्यूपी(सी) संख्या 2810/2016 शीर्षक राजेंद्र सिंह बनाम भारत संघ, जहां दिनांक 01.01.2004 से पूर्व उम्मीदवारों का चयन कर लिया गया था, किंतु सरकारी सेवा में उनकी वास्तविक नियुक्ति विभिन्‍न कारणों से दिनांक 01.01.2004 को या उसके बाद की जा सकी, माननीय दिल्‍ली उच्च न्यायालय के निर्देश पर याचिकाकर्ताओं को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की अनुज्ञा दी गई।

सभी सुसंगत पहलुओं पर विचार करने के बाद तथा आगे ओर होने वाली मुकदमेबाजी को कम करने के लिए, ऐसे अन्य सरकारी कर्मचारियों को लाभ देने के लिए, सरकार ने, पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग के दिनांक 17 फरवरी, 2020 के कार्यालय ज्ञापन संख्या 57/04/2019-पीएंडपीडबल्यू(बी) द्वारा निर्णय लिया है कि ऐसे सभी मामलों में जहां दिनांक 31.12.2003 को या उससे पूर्व होने वाली रिक्तियों के सापेक्ष भर्ती के परिणाम दिनांक 01.01.2004 से पूर्व घोषित किए गए थे, भर्ती के लिए सफल घोषित उम्मीदवार केंद्रीय सिविल सेवा(पेंशन) नियमावली, 1972 के अधीन कवर किए जाने के पात्र होंगे। तदनुसार, ऐसे सरकारी कर्मचारियों को, जिन्हें दिनांक 01.01.2004 से पूर्व होने वाली रिक्तियों के सापेक्ष दिनांक 31.12.2003 को या उससे पूर्व घोषित परिणामों में भर्ती के लिए सफल घोषित किया गया था और दिनांक 01.01.2004 को या उसके बाद सेवा में कार्यग्रहण करने पर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत कवर किया गया, केंद्रीय सिवित्र सेवा(पेंशन) नियमावली, 1972 के अधीन कवर किए जाने के लिए एक बार का विकल्प दिया जा सकता है।

दिनांक 22.12.2003 की अधिसूचना के विशिष्ट उपबंधों को ध्यान में रखते हुए, रिक्तियों के लिए विज्ञापन की तारीख या उन रिक्तियों के सापेक्ष चयन के लिए परीक्षा की तारीख को पुरानी पेंशन योजना या राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत कवर किए जाने के लिए पात्रता निर्धारित करने के लिए सुसंगत नहीं माना जाता है।

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