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केन्‍द्रीय बजट 2020-21: नई वैकल्पिक आयकर व्‍यवस्‍था Union Budget 2020-21: New Alternative Income Tax Regime

केन्‍द्रीय बजट 2020-21: नई वैकल्पिक आयकर व्‍यवस्‍था Union Budget 2020-21: New Alternative Income Tax Regime

Union+Budget+2020

2019 के अंतिरम बजट में हमारी सरकार ने 5 लाख रुपए तक की आय वाले व्यष्टियों को आयकर से छूट दी थी। लेकिन वर्तमान में, 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए के बीच की आय पर 20% और 10 लाख रुपए के ऊपर की आय पर 30% कर का भुगतान करता है। इसके अतिरिक्त, वर्तमान में आयकर अधिनियम विभिन्‍न छूटों और कटौतियों से भरा पड़ा है जिससे करदाता द्वारा अनुपालन और कर प्राधिकारियों द्वारा अधिनियम का प्रशासन बोझिल हो गया है। किसी करदाता के लिए पेशेवरों की सहायता के बिना आय कर कानून का अनुपालन करना लगभग असंगत हो गया है।

 व्यष्टि करदाताओं को पर्याप्त राहत देने और आयकर कानूनों को सरल बनाने के लिए, मैं एक नई और सरलीकृत वैयक्तिक आयकर व्यवस्था लाने का प्रस्ताव करती हूँ जिसमें उन व्यष्टि करदाताओं के लिए आयकर दरों को पर्याप्त रूप से कम किया जाएगा जो कतिपय कटौतियों और छूटों का त्याग करते हैं।

नई व्यवस्था में, एक व्यष्टि को 5 लाख रुपए से 7.5 लाख रुपए के बीच आय के लिए 20% की वर्तमान दर के स्थान पर 10% की कम दर पर कर भुगतान करना होगा।

7.5 लाख रुपए से 140 लाख रुपए के बीच की आय के लिए वह 20% की वर्तमान दर के स्थान पर
15% की दर पर कर भुगतान करेगा।

इसी तरह 10 लाख रुपये से 12.5 लाख रुपए के बीच की आय के लिए करदाता वर्तमान 30% की दर के स्थान पर 20% की कम दर पर कर भुगतान करेगा।

12.5 लाख रुपए से 15 लाख रुपए के बीच की आय पर 30% की मौजूदा दर के स्थान पर 25% की दर पर कर लगेगा।

15 लाख रुपए से ऊपर की आय पर 30% की दर से कर लगता रहेगा।

जो 5 लाख रुपए तक आय अर्जित करते हैं उन्हें न तो पुरानी व्यवस्था में और न ही नई व्यवस्था में कोई कर देने की आवश्यकता है।

कर योग्य आय के स्लेब मौजूदा कर दरे नई कर दरे

Income Income Tax (2019-2020) Income Tax (2020-2021)
0-2.5 लाख छूट छूट
2.5-5 लाख 5% 5%
5-7.5 लाख 20% 10%
7.5-10 लाख 20% 15%
10-12.5 लाख 30% 20%
12.5-15 लाख 30% 25%
15 लाख से ऊपर 30% 30%

नई कर व्यवस्था में, किसी करदाता द्वारा दावित छूटों और कटीतियों के आधार पर उसे पर्याप्त कर लाभ मिलेगा। उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति एक वर्ष में 15 लाख रुपए अर्जित करता है और किसी कटौती का लाभ नहीं उठा रहा है तो उसे पुरानी व्यवस्था में 2,73,000 रुपए देने होते जबकि अब उसे मात्र 1,95,000 रुपए का भुगतान करना होगा। इस प्रकार उसका कर भार नई व्यवस्था में 78,000 रुपए कम हुआ है। वह नई व्यवस्था में तब भी लाभ में रहेगा भले ही वह पुरानी व्यवस्था के तहत आयकर अधिनियम के अध्याय ४]-क की विभिन्‍न धाराओं के तहत 1.5 लाख रुपए की कटोती ले रहा हो।

नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक होगी। कोई व्यष्टि जो वर्तमान में अधिनियम के तहत और अधिक कटौतियां और छूटें ले रहा है, उनका लाभ उठाने का विकल्प दे सकता है और पुरानी व्यवस्था में कर का भुगतान करना जारी रख सकता है।

नई व्यक्तिगत आयकर दरों के लिए प्रतिवर्ष 40,000 करोड़ रुपए का अनुमानित परित्यक्त राजस्व
आवश्यक होगा। हमने आयकर विवरणी को समय-पूर्व करने के उपाय भी शुरू किए हैं ताकि नई व्यवस्था का विकल्प देने वाले व्यष्टि को अपनी विवरणी दायर करके और आयकर देने में किसी विशेषज्ञ की सहायता की आवश्यकता नहीं होगी।

आयकर प्रणाली को सरल बनाने के लिए मैंने विगत अनेक दशकों में आय कर कानून में समाविष्ट की गई सभी छूटों और कटौतियों की समीक्षा की है। यह जानकर मुझे आश्चर्य हुआ कि वर्तमान यें आयकर अधिनियम में विभिन्‍न प्रकृति की एक सौ से अधिक छूटें और कटौतियां प्रदान की गईं हैं। मैंने नई सरलीकृत व्यवस्था में इनमें से लगभग 70 को हटा दिया है। हम कर प्रणाली को और अधिक सरल बनाने और कर दर को कम करने के विचार से आने वाले वर्षों में शेष छूटों और कटौतियों की समीक्षा करेंगे और इन्हें युक्तिसंगत बनाएंगे।

Union Budget 2020-21: New Alternative Income Tax Regime

In the interim Budget of 2019, our government exempted individuals having income up to % 5 Lakh from paying any income tax. Presently, an individual pays 20% on income between 5 Lakh to  10 Lakh and 30% on income above 10 Lakh. Further, currently the Income Tax Act is riddled with various exemptions and deductions which make compliance by the taxpayer and administration of the Income Tax Act by the tax authorities a burdensome process. It is almost impossible for a taxpayer to comply with the Income-tax law without taking help from professionals.

In order to provide significant relief to the individual taxpayers and to simplify the Income-tax law, | propose to bring a new and simplified personal income tax regime wherein income tax rates will be significantly reduced for the individual taxpayers who forgo certain deductions and exemptions.

Under the new regime, an individual shall be required to pay tax at the reduced rate of 10% for income between  5 Lakh to 7. 5 Lakh against the current rate of 20%.

For income between  7.5 Lakh to 10 Lakh he will pay at the reduced rate of 15% against the current rate of 20 %.

Similarly for the income between 10 Lakh to 12.5 Lakh the taxpayer will pay at the reduced rate of 20% against the current rate of 30 %.

The income between 12.5 Lakh to 15 Lakh will be taxed at the reduced rate of 25% against the existing rate of 30 %. Incomes above & 15 lakh will be continued to be taxed at the rate of 30 %.

Those earning up to  5 lakhs shall not pay any tax either in the old regime or in the new regime.

The proposed tax structure will provide significant relief to taxpayers and more so to those in the middle class.

Existing Tax Rates New Tax Rates

Income Income Tax (2019-2020) Income Tax (2020-2021)
0-2.5 Lakh Exempt Exempt
2.5-5 Lakh 5% 5%
5-7.5 Lakh 20% 10%
7.5-10 Lakh 20% 15%
10-12.5 Lakh 30% 20%
12.5-15 Lakh 30% 25%
Above 15 Lakh 30% 30%

In the new tax regime, substantial tax benefit will accrue to a taxpayer depending upon exemptions and deductions claimed by him. For example, a person earning 15 lakh in a year and not availing any deductions etc. will pay only 1,95,000 as compared to  2,73,000 in the old regime. Thus his tax burden shall be reduced by 78,000 in the new regime. He would still be the gainer in the new regime even if he was taking deduction of  1.5 Lakh

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