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सर्जिकल स्ट्राइक पर भारी OROP की नाराजगी?

सर्जिकल स्ट्राइक पर भारी OROP की नाराजगी?

नई दिल्ली : यूपी, पंजाब समेत कई राज्यों में चुनाव से पहले मोदी सरकार को सर्जिकल स्ट्राइक का लाभ मिलने के अनुमान राजनीतिक हलकों में लगाए जा रहे थे। हालांकि सेना से जुड़े लोगों से सरकार को कई मुद्दों पर नाराजगी का भी सामना करना पड़ रहा है। वन रैंक वन पेंशन पर पूर्व सैनिक के स्यूसाइड के बाद मोदी सरकार की मुश्किल बढ़ने के आसार हैं। सैनिकों के साथ दिवाली मनाने और उनतक संदेश पहुंचाने के अभियान भी सरकार के लिए पॉजिटिव माहौल बनाने में नाकाम हो सकते हैं।

हाल में सिविलियन अफसरों के मुकाबले सेना के अफसरों की ‘डाउनग्रेडिंग’ का मामला रक्षा मंत्रालय के गले की फांस बन गया। 18 अक्टूबर के एक आदेश के हवाले से यह जानकारी सामने आई तो सरकार ने पहले तो किसी ‘डाउनग्रेडिंग’ से इनकार कर दिया। लेकिन सोशल मीडिया में ऐसे दस्तावेज पेश किए गए, जिनमें 1992 के आदेश में मेजर जनरल को जॉइंट सेक्रेटरी के बराबर बताया गया है। हालांकि 18 अक्टूबर के एक आदेश में मेजर जनरल को प्रिंसिपल डायरेक्टर के बराबर बताया गया है। सेना से जुड़े लोगों में नाराजगी के बाद सरकार इस पर दोबारा से गौर करने के लिए तैयार हुआ। रक्षा हलकों में इस गफलत के लिए ब्यूरोक्रेसी पर ठीकरा फोड़ा गया।

30 सितंबर को मंत्रालय ने एक निर्देश जारी किया था, जिसके तहत विकलांगता पेंशन की काउंटिंग के लिए 1 जनवरी 2016 से स्लैब आधारित सिस्टम की शुरुआत की गई थी। इसके पीछे सातवें वेतन आयोग की मंजूर की गई सिफारिशों का हवाला दिया गया था। इसमें 100 फीसदी विकलांगता पर पेंशन अफसरों के लिए 27 हजार रुपये, जेसीओ के लिए 17 हजार रुपये और बाकी रैंक के लिए 12 हजार रुपये होती।
इससे पहले विकलांगता पेंशन की गणना छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक सिविलियंस की तरह अंतिम सैलरी के प्रतिशत के आधार पर होती थी। सिविलियंस के लिए पर्सेंट का सिस्टम जारी रह गया था तो स्लैब सिस्टम को सेना से जुड़े रहे लोगों ने भेदभावकारी माना। विपक्षी दलों ने भी यह मुद्दा उठाया। तब जाकर सरकार ने कहा कि जब तक विसंगतियों पर फैसला नहीं होती पुराना सिस्टम लागू रहेगा। सोशल मीडिया पर पूर्व सैनिकों की नाराजगी सामने आ रही है। सेना से रिटायर कर्नल अशोक ने कहा है कि हमारी सरकार खुद सुरक्षा बलों पर हमले कर रही है।
Read at: Navbharat Times

COMMENTS

WORDPRESS: 4
  • Ministry of Defence has become an unprofessional Ministry with egoistic ill informed bureaucrats without any knowledge of defence.
    Need to reform MoD with mix of uniformed and civilian staff. Mandatory posting of MoD officials at forward posts at Siachin, Desert, North East……
    Service Chiefs must apprise PM with facts and figures on anomalies created by bureaucrats on OROP, 7CPC, Disability Pension, Downgradation of Status……..

  • NarSingh Dass 8 years ago

    After Uri attack, so many Jawans sacrificed there life fighting for the nation, non of the opposition party members including Sh Rahul Gandhi & Sh Arvind kajriwal neither paid homage nor visited their houses. Shame on such politicians. Just to gain votes from ESMs they are doing so.

    • Anonymous 8 years ago

      Modi bhakth ho kyaa saab…….Shaheedonki ghar pahunch ne se kya milegaa us parivaar vaalonko…….kuch nahin…….agar Modi saab, Jaitly ji time se salary,bonus, compensation and modern hathiyaar keliye diya hotha……hamara jawan shaheed nahi hotaa……..abhi thak sena ka naya salary and allowances nahi mila hai…….salary se jawan bangla nahi banayegaa….sarkar….sirf apnokaa school fee, karz chuka saktha hai…….Modi ka bhajan band karoooooo

    • Unknown 8 years ago

      There is a systematic downgradation of defence forces under present PM,RM and villanious FM